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Brightcom Group मामले में तीन लोगों ने सेबी के साथ सेटलमेंट किया, जानिए क्या है पूरा मामला

Brightcom Group Case: सेबी को अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के बीच BGL के बारे में कई शिकायतें मिली थीं। इनमें बीजीएल के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में मिसस्टेटमेंट्स और गड़बड़ी की शिकायतें शामिल थीं। इसके बाद SEBI ने फाइनेंशियल ईयर 2014-15 से 2019-20 के बीच की अवधि की जांच की थी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 12, 2025 पर 10:13 AM
Brightcom Group मामले में तीन लोगों ने सेबी के साथ सेटलमेंट किया, जानिए क्या है पूरा मामला
सेबी ने इस साल फरवरी में BGL, प्रमोटर्स और अन्य लोगों पर 34 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई थी।

ब्राइटन ग्रुप (बीजीएल) मामले में बड़ी खबर है। सेबी ने इस मामले से जुड़े तीन लोगों के सेटलमेंट अप्लिकेशंस को एप्रूव कर दिया है। इनमें ऑडिट कमेटी की पूर्व सदस्य डॉ जयालक्ष्मी कुमारी, के अनुशा और पूर्व कंप्लायंस अफसर वी श्री लक्ष्मी शामिल हैं। सेटलमेंट ऑर्डर के मुताबिक, जांच के दौरान जयालक्ष्मी कुमारी ऑडिट कमेटी के सदस्य के रूप में यह सुनिश्चित करने में नाकाम रही कि बीजीएल के पब्लिश्ड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स के मुताबिक होने चाहिए। वह कंपनी से जुड़े मामलों की सच्ची और निष्पक्ष तस्वीर पेश करने में भी असफल रहीं।

बीजीएल से 1-2 साल तक किसी तरह का संबंध नहीं रखना होगा

जयालक्ष्मी कुमारी के मामले का सेटलमेंट 12.35 लाख रुपये में हुआ है। SEBI ने उनसे BGL और उससे संबंधित कंपनियों/व्यक्तियों से 2 साल तक किसी तरह का संबंध नहीं रखने को कहा है। इनमें नौकरी, कंसल्टेंसी, किसी दूसरे तरह के प्रोफेशनल रोल या बिजनेस रिलेशनशिप शामिल हैं। के अनुशा के मामले का सेटलमेंट 10.73 लाख रुपये में हुआ है। सेबी के सेटलमेंट ऑर्डर के मुताबिक, अनुशा यह सुनिश्चित करने में नाकाम रहीं कि उनके कंप्लायंस अफसर रहने के दौरान स्टॉक एक्सचेंजों को क्वार्टर्ली शेयरहोल्डिंग पैटर्न की सही जानकारी दी जाए। सेटलमेंट की शर्तों के मुताबिक, उन्हें बीजीएल और इससे जुड़ी किसी कंपनी/व्यक्तियों से एक साल तक किसी तरह का संबंध नहीं रखने को कहा गया है।

कंपनी के पूर्व अफसरों ने अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाईं

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