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BSE Share Price: एक रिपोर्ट पर शेयरों में तेज रिकवरी, 5% उछल पड़ा बीएसई का शेयर

BSE Share Price: चीन पर 100% के अतिरिक्त टैरिफ के चलते दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में मचे कोहराम के बीच घरेलू मार्केट में भी आज सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) रेड जोन में बंद हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ स्टॉकवाइज बात करें तो बीएसई (BSE) के शेयर रेड जोन से उबरते हुए 5% से अधिक उछल पड़े। जानिए इसके शेयरों को किस बात से सपोर्ट मिला?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Oct 13, 2025 पर 5:02 PM
BSE Share Price: एक रिपोर्ट पर शेयरों में तेज रिकवरी, 5% उछल पड़ा बीएसई का शेयर
BSE Share Price: वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी से जुड़े अहम अपडेट पर बीएसई के शेयर आज रॉकेट बन गए। शुरुआती कारोबारी में तो यह रेड और ग्रीन जोन में झूल रहा था लेकिन जैसे ही यह खुलासा हुआ कि वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी को लेकर कोई बदलाव नहीं होगा, इसके शेयर झूम उठे।

BSE Share Price: वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी से जुड़े अहम अपडेट पर बीएसई के शेयर आज रॉकेट बन गए। शुरुआती कारोबारी में तो यह रेड और ग्रीन जोन में झूल रहा था लेकिन जैसे ही यह खुलासा हुआ कि वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी को लेकर कोई बदलाव नहीं होगा, इसके शेयर झूम उठे। निवेशकों की ताबड़तोड़ खरीदारी से यह न सिर्फ ग्रीन जोन में आया बल्कि पिछले क्लोजिंग प्राइस से 5% से अधिक ऊपर चढ़ गए। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। दिन के आखिरी में एनएसई पर यह 4.26% के उछाल के साथ ₹2,486.50 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 5.03% के उछाल के साथ ₹2,505.00 पर पहुंच गया था। वहीं शुरुआती कारोबार में यह 1.26% फिसलकर ₹2355.00 पर आ गया था।

BSE ने क्यों किया बदलाव नहीं करने का फैसला?

सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी में तब तक कोई बदलाव नहीं होगा, जब तक आंकड़ों से ट्रेडिंग एक्टिविटी के असामान्य होने का संकेत होने का संकेत नहीं मिल जाता है। सूत्रों के मुताबिक बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का कहना है कि इस साल जुलाई और सितंबर के बीच के डेरिवेटिव आंकड़ों को देखेगा। सूत्रों का कहना है कि सेबी वीकली ऑप्शंस एक्सपायरी पर कोई फैसला लेने से पहले फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में खुदरा भागीदारी को हल्का करने के लिए कई तरीकों पर विचार कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक सेबी लॉन्ग-टर्म डेरिवेटिव्स को लेकर डिसइंसेंटिव हटाने जैसे कदमों पर विचार कर सकता है। बता दें कि 21 अगस्त को सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडेय ने कहा था कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने ये बातें फिक्की के सालाना कैपिटल मार्केट कॉन्फ्रेंस में कही थी और कहा था कि इसे लेकर जल्द ही कंसल्टेशन पेपर जारी किया जाएगा।

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