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दुनिया में भारत से बेहतर निवेश विकल्प नहीं, खपत से जुड़े शेयरों में नजर आ रहे कमाई के मौके: Jefferies

महेश नंदोड़कर को कैपिटल गुड्स सेक्टर भी अच्छा लग रहा है। उनका कहना है कि डिफेंस इंडस्ट्रीज, ऑटोमेशन और ESG से जुड़े स्टॉक में अच्छी बढ़त की खबर आ रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 05, 2022 पर 6:20 PM
दुनिया में भारत से बेहतर निवेश विकल्प नहीं, खपत से जुड़े शेयरों में नजर आ रहे कमाई के मौके: Jefferies
6- 12 महीने के नजरिए से बाजार में बहुत सर्तक रहने की जरुरत है। इसकी वजह ये है कि मजबूत होता डॉलर, यूएस फेड की सिकुड़ती बैलेसशीट और बढ़ता ब्याज दर वैल्यूएशन के नजरिये से अच्छा नहीं है

जेफरीज के महेश नंदूरकर (Mahesh Nandurkar) का कहना है कि भारत को TINA (देयर इज नो अल्ट्रनेटिव यानी भारत से अच्छा विकल्प ना होना) फैक्टर का फायदा मिल रहा है। दुनिया में भारत से बेहतर निवेश विकल्प ना होने के कारण ही जून 2022 तक लगातार बिकवाली करने के बाद एफआईआई एक बार फिर भारत की तरफ रुख कर रहे है।

CNBC-TV18 के साथ हुई बातचीत में महेश नंदूरकर ने आगे कहा कि मजबूत एफआईआई इनफ्लो के चलते मार्केट का मोमेंटम अच्छा नजर आ रहा है। लेकिन निवेशकों को मार्केट मोमेंट और इकोनॉमी के फंडामेटल के बीच अंतर पहचानने की जरूरत है। उनका यह भी कहना है कि 6- 12 महीने के नजरिए से बाजार में बहुत सर्तक रहने की जरुरत है। इसकी वजह ये है कि मजबूत होता डॉलर, यूएस फेड की सिकुड़ती बैलेसशीट और बढ़ता ब्याज दर वैल्यूएशन के नजरिये से अच्छा नहीं है। बाजार के लिए इस समय वैल्यूएशन महंगा होता नजर आ रहा है।

महेश नंदूरकर का कहना है कि निवेश के नजरिए से खपत से जुड़े शेयर अच्छे नजर आ रहे हैं। होटल और ऑटो जैसे शहरी खपत वाले शेयर काफी बेहतर स्थिति में हैं। वहीं स्टेपल से जुड़े खपत वाले शेयर ग्रामीण डिमांड में अच्छी तेजी ना आने के बावजूद डिफेंसिव बेट (सुरक्षित दांव) दिख रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अगले 6-12 महीने में महंगाई के बावजूद नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी जिसका फायदा खाने-पीने से जुड़े खपत वाले शेयरों को मिलेगा। इसके अलावा आगे हमें एफएमसीजी कंपनियों के मुनाफे और रेवेन्यू में भी अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी।

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