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Cess on tobacco products : सिगरेट और पान मसाला पर बढ़ेगा टैक्स, फोकस में सिगरेट कंपनियां

Cess on tobacco products : सिगरेट और पान मसाला पर नया टैक्स लगाने के लिए FM ने लोकसभा में 2 बिल पेश किया है। इनमें से पहला है, सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल, 2025 और दूसरा है,हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी बिल 2025। सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल सिगरेट और सिगार पर टैक्स के लिए है। वहीं, हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी बिल पान मसाला गुटखा पर सेस के लिए है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Dec 01, 2025 पर 3:48 PM
Cess on tobacco products : सिगरेट और पान मसाला पर बढ़ेगा टैक्स, फोकस में सिगरेट कंपनियां
Cess on tobacco products : सिगार और चिरूट पर 25 फीसदी या 5000 रुपए प्रति हजार सिगार और चिरूट, जो भी ज्यादा हो, ड्यूटी लगेगी। 65 mm तक लंबी फिल्टर सिगरेट पर 3000 रुपए प्रति हजार सिगरेट ड्यूटी लगेगी

Cess on tobacco products : सिगरेट कंपनियां आज बाजार के फोकस में हैं। दरअसल तम्बाकू,सिगरेट और पान मसाला पर टैक्स का बोझ बढ़ने वाला है। सरकार ने लोकसभा में 2 बिल पेश किए हैं जिसके बाद टैक्स की मार इन कंपनियों पर बढ़ने वाली है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल्स के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने बताया कि अमेंडमेंट बिल, 2025 के तहत सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल सिगरेट और सिगार पर टैक्स के लिए होगा। जबकि, हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी पान मसाला गुटखा पर सेस के लिए है। दरअसल GST में सेस खत्म होने के बाद सरकार की कोशिश है कि सिन गुड्स पर टैक्स कम ना हो।

लक्ष्मण रॉय ने बताया कि सिगरेट और पान मसाला पर नया टैक्स लगाने के लिए FM ने लोकसभा में 2 बिल पेश किया है। इनमें से पहला है, सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल, 2025 और दूसरा है,हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी बिल 2025। सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल सिगरेट और सिगार पर टैक्स के लिए है। वहीं, हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी बिल पान मसाला गुटखा पर सेस के लिए है।

सिगरेट, पान मसाला पर नया टैक्स

सिगरेट और सिगार पर GST कंपनसेशन सेस हटते ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ेगी। GST कंपनसेशन सेस के बराबर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी होगी। सिगरेट,सिगार पर लगाने वाले कुल टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं, पान मसाला के लिए हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी बिल 2025 के तहत पान मसाला बनाने वाली मशीन की क्षमता के आधार पर सेस लगेगा। प्रति मशीन प्रति माह 101 लाख रुपए से लेकर 2547 लाख रुपए तक सेस लग सकता है।

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