आज सबसे पहले बात करते हैं एग्री कमोडिटीज की। सरकार ने शुगर मिलों से मंथली एक्सपोर्ट डाटा मांगा है ताकि जरूरत पड़ने पर एक्सपोर्ट सब्सिडी दी जा सके। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगर चीनी की कीमतें गिरती हैं, तो सरकार एक बार फिर चीनी निर्यात पर सब्सिडी शुरू कर सकती है। इसके लिए सरकार ने सभी चीनी मिलों को हर महीने चीनी निर्यात का डाटा उपलब्ध कराने के लिए कहा है । जरूरत पड़ने पर सरकार कदम उठाएगी। सरकार चीनी निर्यात पर नजर रखेगी। मिलों को कांट्रैक्टेड और निर्यात का डाटा उपलब्ध कराना होगा। जरूरत पड़ने पर सरकार निर्यात सब्सिडी देगी। बता दें कि सरकार ने अगस्त में निर्यात सब्सिडी बंद की थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों के चलते सब्सिडी बंद की गई थी। चीनी मिलों को अधिकतम चीनी निर्यात करने के लिए कहा गया था। पिछले साल चीनी का 72 लाख टन निर्यात हुआ। सरकार ने करीबन 50 लाख टन चीनी के लिए सब्सिडी दी थी।