Daily Voice : वित्तवर्ष 2024 में कंपनियों के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है। लेकिन नियर टर्म में निजी और सरकारी दोनों बैंकों के अर्निंग में किसी बड़े अपग्रेड की उम्मीद नहीं दिखती। ये बातें कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट की सीनियर ईवीपी और इक्विटी रिसर्च हेड शिबानी सरकार कुरियन ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कही हैं। उन्हें लगता है कि बैंकों का नेट इंटरेस्ट मार्जिन वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में चरम पर पहुंच गया है। वह कहती हैं, "यहां से आगे अधिकांश बैंकों को अगली कुछ तिमाहियों में मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इनकी डिपॉजिट लागत पिछले खाते के रि-प्राइसिंग के कारण बढ़ जाएगी।"