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शॉर्ट टर्म जोखिमों के बावजूद नोमुरा को एशियाई बाजारों में भारत लग रहा सबसे अच्छा

हालांकि सिक्लिकल मंदी के बीच निकट भविष्य में भारतीय इक्विटी बाजार का प्रदर्शन कमजोर रहने की संभावना है। लेकिन नोमुरा इस फेज को बदलाव का दौर मानता है। नोमुरा को ऐसे स्टॉक पसंद हैं जो स्ट्रक्चरल थीमों जैसे ईवी की बढ़ती स्वीकार्यता के चलते आगे फायदे में रह सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 05, 2024 पर 7:00 PM
शॉर्ट टर्म जोखिमों के बावजूद नोमुरा को एशियाई बाजारों में भारत लग रहा सबसे अच्छा
भारतीय इक्विटी में नोमुरा ने निवेशकों को बॉटम अप सेलेक्शन रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है। नोमुरा सलाह कि ऐसे शेयर चुने जिनमें वैल्यूएशन कंफर्ट के साथ ही इकोनॉमी का सपोर्ट भी हो

अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपने एशियाई पोर्टफोलियो में भारतीय इक्विटी पर 'ओवरवेट' नजरिया बनाए रखा है। दूसरी ओर भारत के प्रतिद्वंद्वी चीन को 'न्यूट्रल' कॉल दिया है। भारत पर नोमुरा का बुलिश नजरिया घरेलू इक्विटी पर संरचनात्मक रूप से सकारात्मक सोच पर आधारित है। हालांकि मैक्रोइकॉनॉमिक स्थितियों और अर्निंग्स में मंदी के चलते निकट की अवधि में भारतीय बाजार में जोखिम दिख रहा है।

हालांकि, महंगा वैल्यूशन भारत के लिए एक परेशानी तो है लेकिन नोमुरा इसकी वजह से होने वाले किसी भी कमज़ोर प्रदर्शन को अस्थाई मानता है। उसका मानना है कि लंबी अवधि के नजरिए से भारत संरचनात्मक रूप से काफी मजबूत है। नोमुरा का यह भी मनाना है कि अर्थव्यवस्था के बॉटम आउट होने से पहले बाजार कुछ तिमाहियों तक स्थिर होता नजर आएगा।

नोमुरा ने अपने एक नोट में कहा है कि हालांकि भारत एक सिक्लिकल मंदी से गुजर रहा है, लेकिन इससे  इसकी लॉन्ग टर्म अपील में कोई खास कमी नहीं आई है। बाजार को मजबूत 'चीन+1'रणनीति, उभरते बाजार (ईएम) फंडों की अंडरवेट पोजीशन और के-आकार की आर्थिक रिकवरी से फायदा मिल रहा है।

ब्रोकरेज के विश्लेषकों के मुताबिक 2025 में भारतीय कंपनियों के लिए अर्निंग ग्रोथ की संभावनाएं भी कुछ नरमी के बावजूद अपेक्षाकृत मजबूत बनी हुई हैं। कुछ डाउनग्रेड की संभावना के बावजूद, अक्टूबर में गिरावट के बावजूद घरेलू इक्विटी निवेश स्थिर रहा है जिससे भारतीय इक्विटी के लिए एक और सेफ्टी लेयर बन जाती है।

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