Get App

Experts views : निफ्टी में तेजी की उम्मीद कायम, 24550 के ऊपर जाने पर खुल जाएगा 25000 का रास्ता

Market trend : जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार ने अपनी तेजी बनाए रखी हालांकि जोश थोड़ा कम हो गया है। अप्रैल में लगातार जारी विदेशी निवेश और रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों में मजबूती का संकेत है। कमजोर डॉलर और तेल की कीमतों में गिरावट ने एफआईआई के सेंटीमेंट में सुधार किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 05, 2025 पर 6:02 PM
Experts views : निफ्टी में तेजी की उम्मीद कायम, 24550 के ऊपर जाने पर खुल जाएगा 25000 का रास्ता
Market cues : निफ्टी आज हल्की बढ़त के साथ 24,419 पर खुला। इंट्रा डे में इसने 24,526.40 के उच्चतम स्तर को छुआ और 24,400.65 के इंट्राडे लो लेवल पर फिसल गया

Stock market : आज बेंचमार्क इंडेक्सों में तेजी जारी रही, निफ्टी 114 अंक ऊपर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 295 अंक ऊपर बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो डिफेंस ऑटो और टूरिज्म इंडेक्स में 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई जबकि चुनिंदा बैंकिंग शेयरों में हायर लेवल पर इंट्राडे मुनाफावसूली देखने को मिली। टेक्निकल नजरिए से देखें तो गैप-अप ओपनिंग बाद बाजार ने दायरे में कारोबार किया। डेली चार्ट पर इसने छोटी बुलिश कैंडल बनाई है और इंट्राडे चार्ट पर यह अपट्रेंड कॉन्टीन्यूटी फॉर्मेशन को बनाए हुए है।

कोटक सिक्योरिटीज के हेड इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान का कहना है कि 24375/80500 का स्तर ट्रेंड फॉलो करने वाले ट्रेडर्स के लिए एक अहम सपोर्ट ज़ोन के रूप में काम करेगा। इसके ऊपर, बाजार 24600-24675/81000-81300 तक बढ़ सकता है। दूसरी ओर, 24375/80500 के नीचे जाने पर इंट्राडे करेक्शन शुरू हो सकता है और बाजार नीचे की ओर 24300-24250/80200-80000 के स्तर को फिर से छू सकता है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार ने अपनी तेजी बनाए रखी हालांकि जोश थोड़ा कम हो गया है। अप्रैल में लगातार जारी विदेशी निवेश और रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों में मजबूती का संकेत है। कमजोर डॉलर और तेल की कीमतों में गिरावट ने एफआईआई के सेंटीमेंट में सुधार किया है। हालांकि,बाजार की गति धीमी हो रही है। आगे हमें नतीजों के मौसम में स्टॉक और सेक्टर स्पेसिफिक एक्शन नजर आ सकता है।

पिछले महीने के दौरान ब्रॉडर मार्केट ने सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक की कंसोलीडेशन अवधि के दौरान हुए नुकसान के 50 फीसदी से अधिक की भरपाई कर ली है। अब तक आए चौथी तिमाही के नतीजे सुस्त रहे हैं। इसके अलावा सीमा तनाव के कारण बाजार में सावधानी का रवैया देखने को मिल रहा है। शॉर्ट टर्म में बाजार पर इसका असर देखने को मिल सकता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें