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FII ने 2025 में बेचे ₹2 लाख करोड़ के शेयर, अभी से टूटे पिछले रिकॉर्ड; निवेशकों को एक्सपर्ट्स की क्या सलाह

FII's Selling: दिलचस्प बात यह है कि एक ओर FII लिस्टेड शेयरों में लगातार बिक्री कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर IPO मार्केट में निवेश कर रहे हैं। बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार, ग्लोबल मार्केट्स से पिछड़ गए हैं। पॉलिसी सपोर्ट अब तक वैश्विक निवेश में बदलाव लाने में नाकाम रहे हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 03, 2025 पर 5:12 PM
FII ने 2025 में बेचे ₹2 लाख करोड़ के शेयर, अभी से टूटे पिछले रिकॉर्ड; निवेशकों को एक्सपर्ट्स की क्या सलाह
साल 2024 में FII ने भारतीय शेयर मार्केट में 1.21 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने साल 2025 में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं। अभी साल खत्म होने में 3 महीने बाकी हैं और अभी से FII की सेलिंग पिछले सभी रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ चुकी है। साल 2024 में FII ने भारतीय शेयर मार्केट में 1.21 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। भारतीय शेयर बाजारों में FII की बिकवाली के पीछे के कारणों में कंपनियों की अर्निंग्स में धीमी बढ़ोतरी, बढ़ी हुई वैल्यूएशन, रुपये की कमजोरी, भू-राजनीतिक तनाव और विदेशों में अधिक आकर्षक अवसर अहम हैं।

सेबी ने 2024 में कुछ FPI को "हाई रिस्क" के तौर पर क्लासिफाई किया था। उसके बाद से दबाव बढ़ गया है। सेबी ने नए नियमों के ​तहत किसी एक भारतीय कॉरपोरेट समूह में 50 प्रतिशत से अधिक निवेश या 25,000 करोड़ रुपये से अधिक होल्डिंग वाले फंड्स के लिए 9 सितंबर, 2024 तक अंतिम लाभार्थियों का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया। ऐसा नहीं करने पर लाइसेंस रद्द होने का खतरा मंडरा रहा था। इसके बाद कई फंड्स ने 2024 के अंत में निवेश कम करने का फैसला किया, जिससे अस्थिरता बढ़ गई।

पॉलिसी सपोर्ट नहीं ला सके बदलाव

टैक्स में कटौती, मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी और जीएसटी 2.0 जैसे पॉलिसी सपोर्ट अब तक वैश्विक निवेश में बदलाव लाने में नाकाम रहे हैं। आईएनालिसिस के ग्लोबल मैक्रो रिसर्च एनालिस्ट इंद्रनील सेनगुप्ता का कहना है कि FPI की वापसी, अधिक आकर्षक वैल्यूएशन और मजबूत आय पर हो सकती है। तब तक, उनका सेंटिमेंट सतर्कता वाला ही रहेगा।"

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