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विदेशी निवेशकों को है इन 3 चीजों का इंतजार, फिर शेयर बाजार में कर सकते हैं बड़ी वापसी: JP मॉर्गन के राजीव बत्रा

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पिछले चार सालों से लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। जबकि इसी दौरान दूसरे इमर्जिंग देशों जैसे कोरिया, ताइवान और चीन में उन्होंने वापसी की है। विदेशी संस्थागत ने इस साल भी इंडियन मार्केट्स में बड़ी बिकवाली की है। भारतीय बाजार से इस साल अब तक वे करीब 15 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम निकाल चुके हैं

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 23, 2025 पर 7:19 PM
विदेशी निवेशकों को है इन 3 चीजों का इंतजार, फिर शेयर बाजार में कर सकते हैं बड़ी वापसी: JP मॉर्गन के राजीव बत्रा
JP मॉर्गन का अनुमान है कि अगले 12 महीनों के दौरान इंमर्जिंग मार्केट्स (EM) की इक्विटीज में 20–25% तक रिटर्न मिल सकता है

भारतीय शेयर बाजार पिछले कई महीनों से एक सीमित दायरे में घूम रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले साल 26 सितंबर को अपना रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई छुआ था। तब से करीब एक साल हो गए हैं और दोनों इंडेक्स अभी इस स्तर के नीचे बने हुए हैं। शेयर बाजार की इस अंडरपरफॉर्मेंस के पीछे सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली मानी जा रही है। ऐसे में सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि आखिर ये विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर काफी भारतीय शेयर बाजार में कब लौटेंगे?

इन अटकलों के पीछे कुछ वजहें भी है। भारत ने हाल ही में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। सबसे पहले इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख किया गया। और अब सरकार ने जीएसटी दरों में व्यापक सुधारों को भी लागू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक विदेशी निवेशकों की वापसी का कोई बड़ा संकेत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसा क्यों? जेपी मॉर्गन के एशिया हेड और ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट इक्विटी स्ट्रैटजी के को-हेड, राजीव बत्रा ने इसके पीछे 3 वजहें बताईं। बत्रा ने बताया कि विदेशी निवेशक भारत लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले ये इन चीजों के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये तीनों कारण क्या हैं?

जेपी मॉर्गन के एशिया हेड राजीव बत्रा ने कहा कि भारत में विदेशी निवेशकों की वापसी के लिए अभी तीन बड़ी शर्तें पूरी होना बाकी हैं। पहला, अमेरिका-भारत संबंधों में नरमी, दूसरा कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में तेजी और नई नीतिगत सुधारों की अगली लहर।

राजीव बत्रा के अनुसार, यही तीन सवाल आजकल ग्लोबल निवेशकों के बीच सबसे अधिक चर्चा में हैं। उन्होंने कहा, “निवेशक सबसे पहले पूछते हैं कि भारत-अमेरिक के बीच व्यापारिक रिश्तों में कब फिर से बेहतर होंगे। दूसरा सवाल है कि कंपनियों की अर्निंग्स में डबल-डिजिट ग्रोथ कब देखने को मिलेगी? और तीसरा यह कि लगातार चार सालों की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशक भारत में कब वापसी करेंगे?”

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