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FPI ने दिसंबर में अब तक भारतीय शेयरों में लगाए ₹57300 करोड़, डेट मार्केट में कैसी है दिलचस्पी

FPI ने सबसे ज्यादा निवेश वित्तीय सेवा क्षेत्र में किया है। दिसंबर 2023 में अब तक हुए निवेश के साथ, ​इस साल भारतीय बाजार में FPI का कुल निवेश 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। साल 2023 की शुरुआत FPIs ने आउटफ्लो के साथ की थी। दिसंबर माह में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय डेट/बॉन्ड बाजार में 15,545 करोड़ रुपये लगाए हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 24, 2023 पर 12:34 PM
FPI ने दिसंबर में अब तक भारतीय शेयरों में लगाए ₹57300 करोड़, डेट मार्केट में कैसी है दिलचस्पी
नवंबर में FPIs ने 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors or FPI) ने दिसंबर महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 57,300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसके पीछे राजनीतिक स्थिरता की संभावना, भारत की आर्थिक वृद्धि में मजबूती दर्शाने वाले आंकड़े और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार गिरावट की अहम भूमिका रही है। दिसंबर में अब तक हुए निवेश के साथ, ​इस साल भारतीय बाजार में FPI का कुल निवेश 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए साल में अमेरिकी ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद है। ऐसे में भारतीय बाजारों में FPI की ओर से निवेश बढ़ सकता है।

आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने दिसंबर महीने अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में 57,313 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। यह एक साल में उनकी ओर से किया गया सबसे ज्यादा मासिक निवेश है। साल 2023 की शुरुआत FPIs ने आउटफ्लो के साथ की थी। साल के पहले दो माह जनवरी, फरवरी में उन्होंने भारतीय शेयरों से 34,000 करोड़ रुपये निकाले। उसके बाद मार्च से लेकर अगस्त माह तक FPIs नेट बायर बने रहे और इस बीच 1.74 लाख करोड़ रुपये लगाए। उसक बाद FPIs की दिलचस्पी एक बार फिर भारतीय इक्विटी में घटी और उन्होंने सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजारों से निकाले। लेकिन नवंबर में FPIs ने फिर से 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया।

किन वजहों से बढ़ा है निवेश

भारतीय बाजारों में FPI के अच्छे इनफ्लो के लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर— मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि राजनीतिक स्थिरता का माहौल और भारतीय बाजारों में व्याप्त सकारात्मक धारणा की इसमें अहम भूमिका रही है। देश की स्थिर और मजबूत अर्थव्यवस्था, कंपनियों की आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी और लगातार आ रहे IPO ने विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए आकर्षित किया है। बता दें कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 2024 में ब्याज दरों में 3 संभावित कटौतियों का संकेत दिया है। इससे विदेशी निवेशकों के भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर, और ज्यादा शिफ्ट होने की गुंजाइश है।

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