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Gensol घोटाले के तार अशनीर ग्रोवर तक, Third Unicorn में भी डायवर्ट किया गया पैसा

SEBI ने पाया कि अनमोल सिंह जग्गी ने अशनीर ग्रोवर के स्टार्टअप थर्ड यूनिकॉर्न प्राइवेट लिमिटेड में 50 लाख रुपये का निवेश किया था। जग्गी ने स्टार्टअप में 2,000 शेयर खरीदे और 31 मार्च, 2024 तक शेयरहोल्डर बने रहे। थर्ड यूनिकॉर्न की शुरुआत अशनीर ग्रोवर ने माधुरी जैन ग्रोवर और असीम घावरी के साथ मिलकर की थी

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Apr 16, 2025 पर 10:47 PM
Gensol घोटाले के तार अशनीर ग्रोवर तक, Third Unicorn में भी डायवर्ट किया गया पैसा
SEBI ने Gensol Engineering पर पैसों को डायवर्ट करने, कर्ज का गलत इस्तेमाल करने और रिलेटेड पार्टीज के जरिए अपने स्टॉक में ट्रेड को फाइनेंस करने का आरोप लगाया है।

जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की जांच के नतीजों में कई खुलासे हुए हैं। इन नतीजों के आधार पर सेबी ने कंपनी और इसके प्रमोटर्स पर कई आरोप लगाए हैं, जिनमें से एक है लोन के पैसों को डायवर्ट करना। सेबी की फाइंडिंग्स में कहा गया है कि डायवर्ट किए गए पैसे का एक हिस्सा फिनटेक फर्म भारतपे के पूर्व को-फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया के जज रह चुके अशनीर ग्रोवर के स्टार्टअप Third Unicorn में लगाया गया।

सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग पर पैसों को डायवर्ट करने, कर्ज का गलत इस्तेमाल करने और रिलेटेड पार्टीज के माध्यम से अपने स्टॉक में ट्रेड को फाइनेंस करने का आरोप लगाया है। जेनसोल पर आरोप है कि उसने ईवी खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायवर्ट की। कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने राइड हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट के लिए नए इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लिए गए लोन को अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल किया।

लोन के पैसों में कैसे हेराफेरी

सेबी की कैलकुलेशन के अनुसार, जेनसोल इंजीनियरिंग को ईवी खरीद के लिए IREDA और PFC से कुल 663.89 करोड़ रुपये का लोन मिला। नियमों के अनुसार, जेनसोल को अपने खुद के फंड से 20% का योगदान करना था, जिससे 6,400 ईवी की खरीद के लिए कुल अपेक्षित निवेश 829.86 करोड़ रुपये हो गया। सेबी के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि लेकिन जेनसोल ने 4,704 ईवी खरीदे, जिनकी लागत 567.73 करोड़ रुपये थी। इस तरह 262.13 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है।

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