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BSE Share Price: गोल्डमैन ने घटाया बीएसई का टारगेट प्राइस, पैसे लगाने के पहले चेक करें डिटेल्स

BSE Share Price: NSE ने अपने सभी डेरिवेटव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी का दिन अगले महीने 4 अप्रैल से गुरुवार की बजाय सोमवार को करने का फैसला किया है। इसके चलते BSE को लेकर ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अपने नजरिए में बदलाव किया और फिर टारगेट प्राइस घटा दिया है। चेक करें नया टारगेट प्राइस और जानिए कि एनएसई ने एक्सपायरी के दिन में बदलाव क्यों किया है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 06, 2025 पर 4:10 PM
BSE Share Price: गोल्डमैन ने घटाया बीएसई का टारगेट प्राइस, पैसे लगाने के पहले चेक करें डिटेल्स
ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन ने BSE की न्यूट्रल रेटिंग को बरकरार रखा है। कुछ दिनों पहले ब्रोकरेज फर्म ने इसका टारगेट प्राइस 5650 रुपये से घटाकर 4880 रुपये किया था और अब इसे फिर घटाकर 4,230 रुपये कर दिया है।

खरीदारी के माहौल में बीएसई के शेयर आज ग्रीन हैं। एक कारोबारी दिन इसके शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव दिखा और ओवरऑल ग्रीन मार्केट में भी यह 9 फीसदी से अधिक टूट गया था। इसकी बिकवाली इसलिए हुई थी क्योंकि NSE ने अपने सभी डेरिवेटव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी का दिन अगले महीने 4 अप्रैल से गुरुवार की बजाय सोमवार को करने का फैसला किया है। इसके चलते ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने भी अपने नजरिए में बदलाव किया और टारगेट प्राइस घटा दिया है। आज इसके शेयर एनएसई पर 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ 4,218.95 रुपये पर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में यह 1.97 फीसदी उछलकर 4,383.75 रुपये (BSE Share Price) पर पहुंच गया था और वहां से टूटकर यह 4,215.00 रुपये तक आया था।

Goldman ने क्यों की BSE के टारगेट प्राइस में कटौती?

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 1 जनवरी 2025 को एक्सपायरी डे को लेकर जो बदलाव हुए थे, उससे बीएसई के ऑप्शंस मार्केट शेयर को झटका लगा था। एनएसई ने अपनी सभी एक्सपायरी को मंगलवार और बीएसई ने मंगलवार को शिफ्ट किया तो इसका वीकली ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स एक्सपायरी पर बड़ा झटका लगा। शुरुआती फायदे के बावजूद गोल्डमैन का मानना है कि बीएसई के कॉन्ट्रैक्ट्स में उम्मीद के मुताबिक लिक्विडिटी मजबूत नहीं हुई। इंडेक्स ऑप्शंस प्रीमियम में बीएसई की हिस्सेदारी दिसंबर 2024 में 16 फीसदी से बढ़कर जनवरी और फरवरी 2025 में 20-22 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले गोल्डमैन ने अनुमान लगाया था कि अक्टूबर 2025 तक बीएसई के मार्केट शेयर में 0.30 फीसदी की स्थायी तेजी आएगी लेकिन अब ब्रोकरेज फर्म को एक्सपायरी डे में बदलाव से किसी अतिरिक्त ग्रोथ को सपोर्ट की उम्मीद नहीं दिख रही है। बीएसई के लिए यह झटका इसलिए है क्योंकि इसके रेवेन्यू का आधा हिस्सा ऑप्शंस ट्रे़डिंग से आता है।

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