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PPFAS 2030 में स्टॉक मार्केट्स में लिस्ट हो सकती है, फंड हाउस के सीईओ ने बताया प्लान

पीपीएफएएस के सीईओ नील पारिख ने कहा कि हम लिस्टिंग के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन यह अभी से 5 साल बाद होगी। उन्होंने कहा कि आईपीओ में देर करने से स्टाफ पर टैक्स का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, नहीं तो उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 22, 2025 पर 7:54 PM
PPFAS 2030 में स्टॉक मार्केट्स में लिस्ट हो सकती है, फंड हाउस के सीईओ ने बताया प्लान
पारिख ने बताया कि फर्म ने इनबाउंड प्रोडक्ट्स के लिए अप्लाई किया है। ये प्रोडेक्ट्स ऐसे विदेशी इनवेस्टर्स और एनआरआई के लिए होंगे जो गिफ्ट रूट के जरिए इंडिया में इनवेस्ट करना चाहते हैं।

पराग पारिख फाइनेंशियल एडवायजरी सर्विसेज (पीपीएफएएस) 2030 में स्टॉक मार्केट्स में लिस्टिंग पर विचार कर सकती है। पीपीएफएएस के सीईओ नील पारिख ने यह जानकारी दी। एनुअल यूनिटहोल्डर्स मीट में उन्होंने कहा कि कंपनी की लिस्टिंग के बारे में फैसला लेने में ईसॉप्स टाइमलाइन और टैक्स के नियमों को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि फंड हाउस ने एंप्लॉयीज को कई सालों में ईसॉप्स दिए हैं। इसके अंतिम बैच का वेस्टिंग पीरियड करीब 2029-2030 होगा।

5 साल बाद लिस्टिंग पर एंप्लॉयीज को फायदा

उन्होंने कहा कि हम लिस्टिंग के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन यह अभी से 5 साल बाद होगी। उन्होंने कहा कि आईपीओ में देर करने से स्टाफ पर टैक्स का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, "5 साल से पहले लिस्ट कराने पर एंप्लॉयी को काफी ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।" जब तक कंपनी लिस्ट नहीं होती है, एंप्लॉयीज को शेयरों की बुक वैल्यू पर टैक्स चुकाना होता है। लेकिन, कंपनी के लिस्ट होने और प्रीमियम पर लिस्ट होने पर एंप्लॉयीज पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाता है।

पीपीएफएएस का ग्लोबल पीएमएस एचएनआई के लिए 

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