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GST rate change : फेस्टिव सीजन में ऑटो सेक्टर पर लगा अनिश्चितता और अटकलों का ग्रहण

GST reforms: नए कर ढांचे के बारे में विस्तृत जानकारी 3 और 4 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक के बाद ही सामने आएगी। ऐसे में फेस्टिव सीजन में ऑटो सेक्टर पर अनिश्चितता और अटकलों का ग्रहण नजर आ रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 01, 2025 पर 3:16 PM
GST rate change : फेस्टिव सीजन में ऑटो सेक्टर पर लगा अनिश्चितता और अटकलों का ग्रहण
वर्तमान में, ICE दोपहिया वाहन 28 फीसदी टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं। इंजन क्षमता के आधार पर,इन पर कॉम्पेंसेशन सेस शून्य से 3 फीसदी तक होता है

केंद्र सरकार के GST को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव ने नए कर ढांचे को लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अनिश्चितता और अटकलों को जन्म दे दिया है। बता दें कि GST को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंत्रीसमूह (GoM) से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। प्रस्तावित जीएसटी पुनर्गठन योजन के तहत, 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब हटा दिए जाएंगे। जबकि 5 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब बरकरार रहेंगे। साथ ही, सिन और लक्जरी की वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का एक नया स्लैब जोड़ा जाएगा। नए टैक्स के ढांचे के बारे में विस्तृत जानकारी 3 और 4 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक के बाद ही घोषित की जाएगी।

भारत में, पैसेंजर वाहनों (PV) से लेकर दोपहिया, तिपहिया और कमर्शियल वाहनों (CVs) तक, सभी प्रकार के इंटरनल कम्बस्चन इंजन (ICE) वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। पैसेंजर कटेगरी के आधार पर, 0 फीसदी से 22 फीसदी तक का कॉम्पेंसेशन सेस भी लगाया जाता है।

इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन (FCEVs) 5 फीसदी और 12 फीसदी जीएसटी स्लैब के तहत आते हैं, जिन पर कोई कॉम्पेंसेशन सेस नहीं लगता है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 28 फीसदी कर स्लैब हटने के बाद, अपेक्षाकृत छोटी कारों को 18 फीसदी के स्लैब में डाल दिया जाएगा, जबकि बड़ी पैसेंजर गाड़ियां नए 40 फीसदी स्लैब के अंतर्गत आ जाएंगी। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कॉम्पेंसेशन सेस लगाया जाएगा या उसे समाप्त कर दिया जाएगा।

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