Get App

H-1B visa annual fee: ट्रंप के कदम से भारतीय IT कंपनियों को लगा झटका, 4.5% तक टूटे इंफोसिस और कॉग्निजेंट के शेयर

H-1B visa news : H-1B वीज़ा वार्षिक शुल्क बढ़ाने का ट्रंप प्रशासन का फैसला आईटी कंपनियों के लिए भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नियुक्त करना महंगा बना देगा। ट्रंप सरकार का यह फैसला उसके इमीग्रेशन नियमों में बड़े बदलाव का हिस्सा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 20, 2025 पर 11:08 AM
H-1B visa annual fee: ट्रंप के कदम से भारतीय IT कंपनियों को लगा झटका, 4.5% तक टूटे इंफोसिस और कॉग्निजेंट के शेयर
H-1B visa news : शुक्रवार के कारोबारी सत्र में दूसरी टेक कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी देखने को मिली। कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी के शेयर 4.3 फीसदी तक टूटे

H-1B visa news : अमेरिकी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय आईटी शेयरों पर उस समय भारी दबाव बना जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर किए। H-1B वीज़ा वार्षिक शुल्क बढ़ाने का ट्रंप प्रशासन का यह फैसला आईटी कंपनियों के लिए भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नियुक्त करना महंगा बना देगा। ट्रंप सरकार का यह फैसला उसके इमीग्रेशन नियमों में बड़े बदलाव का हिस्सा है।

जब ऐसी खबरें आईं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए 100,000 डॉलर शुल्क लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले हैं तो शुक्रवार, 19 सितंबर को इंफोसिस के शेयरों में 4.5 फीसदी तक की गिरावट आई। इन्फोसिस सहित तामाम भारतीय आईटी कंपनियां एच-1बी वीज़ा के सबसे बड़े यूजरों में से हैं। वे आमतौर पर अपने अमेरिकी प्रोजेक्ट्स में भारत के कुशल कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं। लेकिन यह नया शुल्क कंपनियों के लागत-बचत मॉडल के लिए सीधा ख़तरा बन जाएगा।

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में दूसरी टेक कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी देखने को मिली। कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी के शेयर 4.3 फीसदी तक टूटे। जबकि एक्सेंचर के शेयर 1.3 फीसदी और विप्रो के शेयर 3.4 फीसदी गिर गए।

व्हाइट हाउस की यह घोषणा एच-1बी कटेगरी के तहत अमेरिका में विदेशी नागरिकों के प्रवेश नियंत्रित करने के लिए किया गया है। एच-1बी का इस्तेमाल खास व्यवसायों में कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए किया जाता है। एच-1बी के प्रत्येक आवेदन के साथ 100,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान अनिवार्य हो गया है। ऐसी नियुक्ति करने वाली कंपनियों को अब भुगतान का प्रमाण रखना होगा, जिसकी पुष्टि वीज़ा प्रक्रिया के दौरान विदेश मंत्री द्वारा की जाएगी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें