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भरेगी सरकार की तिजोरी, बाकी बचे वित्तीय वर्ष में कच्चे तेल पर टैक्स से मिलेंगे 12 अरब रुपयेः मूडीज

पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर टैक्स लगने से सरकार की झोली भरेगी लेकिन तेल कंपनियों के मुनाफे में कमी आयेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 06, 2022 पर 4:08 PM
भरेगी सरकार की तिजोरी, बाकी बचे वित्तीय वर्ष में कच्चे तेल पर टैक्स से मिलेंगे 12 अरब रुपयेः मूडीज
सरकार ने जुलाई की शुरुआत में पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया था

सरकार द्वारा पेट्रोलियम प्रोडक्टस पर टैक्स लगाये जाने से सरकार की तिजोरी भरती हुई दिखाई देगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने मंगलवार 5 जुलाई को अपना अनुमान जाहिर करते हुए कहा कि घरेलू कच्चे तेल और ईंधन के निर्यात पर लगाए गए टैक्स से चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में सरकार को करीब 12 अरब डॉलर (94,800 करोड़ रुपये) मिलेंगे। हालांकि इन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd) और ओएनजीसी (ONGC) के मुनाफे में कमी आने का अनुमान जताया है।

गौरतलब है कि 1 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (aviation turbine fuel (ATF) के निर्यात पर "विंडफॉल" टैक्स लगाया था। इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर उपकर (सेस) लगाया था।

Moody's ने ये भी कहा है कि रुपये के कमजोर होने के बावजूद विदेशी कर्ज की अदायगी से संबंधित किसी भी मुद्दे से निपटने के लिए देश का बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त रहेगा।

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि अतिरिक्त आय से बढ़ती हुई महंगाई पर काबू पाने के लिए मई के अंत में घोषित पेट्रोल और डीजल के लिए उत्पाद शुल्क में कमी के निगेटिव असर को दूर करने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं अतिरिक्त टैक्स आय से सरकारी तिजोरी पर पड़ने वाला असर को कम किया जा सकेगा।

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