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IEX Shares: इस कारण दो दिन में 16% टूटे शेयर, ब्रोकरेजेज भी घबराए, ये है पूरी वजह

IEX Share Price: एक कारोबारी दिन पहले यानी मंगलवार को आईईएक्स के शेयर इंट्रा-डे में एक साल के हाई पर पहुंच गए थे लेकिन फिर बिकवाली का ऐसा झोंका आया कि दो दिनों में यह 16 फीसदी टूट चुका है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में बिकवाली का यह दबाव एक रिपोर्ट के चलते है। ब्रोकरेज ने भी आशंका जता दी है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 25, 2024 पर 3:47 PM
IEX Shares: इस कारण दो दिन में 16% टूटे शेयर, ब्रोकरेजेज भी घबराए, ये है पूरी वजह
IEX Share Price: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में आज लगातार दूसरे दिन बिकवाली का भारी दबाव दिखा।

IEX Share Price: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में आज लगातार दूसरे दिन बिकवाली का भारी दबाव दिख रहा है। एक कारोबारी दिन पहले इंट्रा-डे में यह 12 फीसदी से अधिक टूटा था और दिन के आखिरी में भी यह 11 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ था। आज की बात करें तो फिर शेयरों में बिकवाली का दबाव है जिसते चलते इंट्रा-डे में यह 5 फीसदी से अधिक टूट गया। आज BSE पर यह 4.30 फीसदी की गिरावट के साथ 202.50 रुपये पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में 5.74 फीसदी की गिरावट के साथ 199.45 रुपये के भाव तक फिसल गया था। दो दिन में यह करीब 16 फीसदी कमजोर हो चुका है। एक कारोबारी दिन पहले 24 सितंबर 2024 को इंट्रा-डे में यह एक साल के हाई 244.35 रुपये पर था जबकि करीब 11 महीने पहले 26 अक्टूबर 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 121.30 रुपये पर था।

क्यों टूट रहे हैं IEX के शेयर? क्या है Market coupling?

मंगलवार को आईईएक्स के शेयर इंट्रा-डे में एक साल के हाई पर पहुंच गए थे लेकिन फिर बिकवाली का ऐसा झोंका आया कि दो दिनों में यह 16 फीसदी टूट चुका है। इसकी वजह ये है कि सीएनबीसी-टीवी18 को सरकारी सूत्रों ने मार्केट कपलिंग के लागू होने की संभावना के बारे में जानकारी दी। हालांकि सूत्र ने यह नहीं बताया कि इसे कब तक लागू किया जा सकता है। इसी के चलते ही आईईएक्स में ही तेज बिकवाली शुरू हो गई। मार्केट कपलिंग ऐसा मॉडल है जिसमें सभी पावर एक्सचेंजों के बाय और सेल के बिड को मिलाकर एक प्राइस तय की जाती है यानी कि हर एक्सचेंज पर इलेक्ट्रिसिटी की प्राइस अलग-अलग नहीं होगी।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) के फरवरी 2024 के डॉक्यूमेंट के मुताबिक इसे लागू करने से पहले चार महीने तक परीक्षण के तौर पर लागू किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के लिए पहले ग्रिड इंडिया पर जरूरी सॉफ्टवेयर डेवलप किया जाएगा। इस मामले में जून तिमाही के नतीजे के दौरान आईईएक्स ने कहा था कि सॉफ्टवेयर अभी तैयार नहीं हुआ है और इसमें देरी हो सकती है लेकिन कंपनी ने यह भी कहा था कि मार्केट कपलिंग से फायदे के संकेत नहीं दिख रहे हैं।

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