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भारत और चीन पर निवेशक लगा रहे दांव, अमेरिका भी छूट जाएगा पीछे, इस कारण माहौल बना पॉजिटिव

एशिया में पैसे लगाने हों तो किस देश के शेयर बढ़िया होंगे? अगर इस साल की बात करें तो दूसरी छमाही में निवेशकों का रुझान भारत और चीन की तरफ है। जापान की चमक फीकी पड़ी है। एशिया के 19 स्ट्रैटेजिस्ट्स और फंड मैनेजर में से करीब एक-तिहाई ने कहा कि अगले छह महीने में निवेश की बात करें तो चाइनीज स्टॉक्स सबसे बेहतर परफॉरमेंस करेंगे

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 06, 2024 पर 2:02 PM
भारत और चीन पर निवेशक लगा रहे दांव, अमेरिका भी छूट जाएगा पीछे, इस कारण माहौल बना पॉजिटिव
फेडरल रिजर्व रेट में कटौती करने वाला है। एक्सपर्ट्स इसे भारत और चीन के उभरते मार्केट के लिए पॉजिटिव मान रहे हैं।

एशिया में पैसे लगाने हों तो किस देश के शेयर बढ़िया होंगे? अगर इस साल की बात करें तो दूसरी छमाही में निवेशकों का रुझान भारत और चीन की तरफ है। जापान की चमक फीकी पड़ी है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग न्यूज ने इसे लेकर एशिया के 19 स्ट्रैटेजिस्ट्स और फंड मैनेजर के बीच अनौपचारिक तौर पर सर्वे किया। इसमें से करीब एक-तिहाई ने कहा कि अगले छह महीने में निवेश की बात करें तो चाइनीज स्टॉक्स सबसे बेहतर परफॉरमेंस करेंगे। करीब एक तिहाई ने भारत को चुना तो जापान उनकी पसंद में तीसरे स्थान पर रहा। विकासशील देशों के शेयरों में पहले ही जोरदार तेजी बनी हुई है। MSCI EM Asia इंडेक्स ने MSCI Asia को पिछली तिमाही में वर्ष 2009 के बाद से सबसे बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप के प्राइम ब्रोकरेज डेस्क के मुताबिक जून में EM Asia में नेट खरीदारी रही जबकि वैश्विक इक्विटी में दो साल के रिकॉर्ड हाई लेवल के नेट बिक्री का रुझान रहा।

चीन और भारत के शेयरों पर क्यों लगा रहे दांव?

फेडरल रिजर्व रेट में कटौती करने वाला है। एक्सपर्ट्स इसे भारत और चीन के उभरते मार्केट के लिए पॉजिटिव मान रहे हैं। सर्वे में शामिल स्ट्रैटेजिस्ट्स और फंड मैनेजर्स ने चाइनीज स्टॉक्स को सबसे अधिक इसलिए पसंद किया क्योंकि इनका वैल्यूएशन फिलहाल बहुत कम है और यहां नीतियों में बदलाव के आसार दिख रहे हैं। भारतीय शेयरों को पसंद करने की वजह ये है कि यहां चुनाव बीच चुके हैं और अब यह पॉजिटिव माहौल बना है। इसके अलावा जियोपॉलिटिकल टेंशन का यहां झटका कम लगता है। HSBC एसेट मैनेजमेंट के ग्लोबल चीफ स्ट्रैटेजिस्ट जोसेफ लिटिल ने अपने मिड-ईयर आउटलुक में लिखा है कि वैल्यूएशन डिस्काउंट और वैश्विक ग्रोथ की गुंजाइश उभरते बाजारों में निवेश का मौका दे रही है, खास तौर से एशिया में।

चीन और भारत में कहां अधिक तेजी की गुंजाइश?

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