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भारतीय शेयर बाजारों का नया रिकॉर्ड, 2023 में इतनी तेजी से बढ़ी वैल्यूएशन कि टॉप 10 बाजार रह गए पीछे

भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी खबर: साल 2023 में अब तक सेंसेक्स ने 17.3 प्रतिशत और निफ्टी ने 18.5 प्रतिशत की छलांग लगाई है। अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन, FY24 के पहले 6 महीनों में कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों, तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में बीजेपी की जीत से राजनीतिक स्थिरता की आशा जैसे फैक्टर्स ने भारत के ओवरऑल प्रदर्शन को मजबूती दी

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 28, 2023 पर 11:31 AM
भारतीय शेयर बाजारों का नया रिकॉर्ड, 2023 में इतनी तेजी से बढ़ी वैल्यूएशन कि टॉप 10 बाजार रह गए पीछे
वैश्विक बाजार पूंजीकरण में देश का योगदान पिछले साल के 3.4 प्रतिशत से बढ़कर, 2023 में 3.77 प्रतिशत हो गया।

भारतीय शेयर बाजारों (Indian Equities) ने साल 2023 में मजबूती का एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। इस साल अब तक घरेलू बाजारों ने बढ़त के मामले में टॉप 10 वैश्विक बाजारों को पीछे छोड़ दिया है। मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स, विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से निवेश जैसे फैक्टर्स के कारण ऐसा हुआ है। दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, 4.16 लाख करोड़ डॉलर के कैपिटलाइजेशन के साथ 5वें सबसे मूल्यवान बाजार के रूप में मजबूत बनी रही। पिछले वर्ष की तुलना में कैपिटलाइजेशन में 24.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कैपिटलाइजेशन लगातार 5वें साल बढ़ा है।

साल 2023 में अब तक सेंसेक्स ने 17.3 प्रतिशत और निफ्टी ने 18.5 प्रतिशत की छलांग लगाई है। वहीं बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमश: 43 प्रतिशत और 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन, वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 6 महीनों में कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों, तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में बीजेपी की जीत से राजनीतिक स्थिरता की आशा जैसे फैक्टर्स ने भारत के ओवरऑल प्रदर्शन को मजबूती दी। इसकी वजह से वैश्विक बाजार पूंजीकरण में देश का योगदान पिछले साल के 3.4 प्रतिशत से बढ़कर, 2023 में 3.77 प्रतिशत हो गया।

अमेरिकी शेयरों में तेजी, चीन में गिरावट

50.35 लाख करोड़ डॉलर की वैल्यूएशन के साथ अमेरिकी बाजार में भी 2023 में 22.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वजह थीं- फेडरल रिजर्व की ओर से प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर डर कम होना, महंगाई में वृद्धि का थमना और जॉब मार्केट का रिजीलिएंट बना रहना। इस साल Dow Jones Industrial Average (DJIA) में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

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