इंडसइंड बैंक की एसेट क्वालिटी को लेकर बार-बार एक्सिडेंट का इतिहास रहा है। आखिरी मामला 2025 में अकाउंटिंग में अनियमितता का था। इसके चलते बैंक की सीनियर लीडरशिप को बाहर जाना पड़ा। अब बैंक की कमान राजीव आनंद के हाथ में है। वह नई टीम बना रहे हैं। माइक्रो-फाइनेंस की एसेट क्वालिटी को लेकर चुनौतियां कम हो रही हैं। सवाल है कि क्या लंबी अवधि के लिए इंडसइंड बैंक के शेयरों में निवेश करना ठीक रहेगा?
