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Insurance Stocks: इस मंजूरी की आहट से सहमे निवेशक, बिकवाली ने तोड़ दिए प्राइवेट इंश्योरेंस स्टॉक्स

Insurance Stocks: प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में आज बिकवाली का तगड़ा माहौल दिखा। एक रिपोर्ट में इंश्योरेंस सेक्टर में एक बड़े सुधार की संभावना ने शेयरों को तोड़ दिया। प्राइवेट सेक्टर की अधिकतर इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर फिसल गए। जानिए इंश्योरेंस सेक्टर में किस सुधार की आहट ने प्राइवेट सेक्टर के इंश्योरेंस स्टॉक्स को तोड़ दिया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 19, 2024 पर 3:54 PM
Insurance Stocks: इस मंजूरी की आहट से सहमे निवेशक, बिकवाली ने तोड़ दिए प्राइवेट इंश्योरेंस स्टॉक्स
केंद्र सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में अहम रिफॉर्म लाने की तैयारी कर रही है। इसमें क्या बदलाव हो सकते हैं, इसे लेकर जो कयास लगाए जा रहे हैं, उसने प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को तोड़ दिया।

Insurance Stocks: प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में आज बिकवाली का तगड़ा माहौल दिखा। एक रिपोर्ट में इंश्योरेंस सेक्टर में एक बड़े सुधार की संभावना ने शेयरों को तोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंश्योरेंस एजेंट्स पर प्रतिबंधों में ढील देने और 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी मिल सकती है। इसके चलते एफडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (HDFC Life Insurance Company) के शेयर ढाई फीसदी से अधिक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential Life Insurance) के शेयर 3 फीसदी से अधिक टूट गए। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस (ICICI Lombard General Insurance) के शेयर भी ढाई फीसदी से अधिक फिसल गए। इसी प्रकार प्राइवेट सेक्टर की अधिकतर इंश्योरेंस कंपनियों के भी शेयर फिसल गए।

इंश्योरेंस सेक्टर में अभी 74% एफडीआई को ही है मंजूरी

केंद्र सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में अहम रिफॉर्म लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत 100% एफडीआई को मंजूरी मिल सकती है और और इंश्योरेंस एजेंट्स पर लगी पाबंदियों में ढील दी जा सकती है। ये बदलाव प्रस्तावित इंश्योरेंस संशोधन विधेयक का हिस्सा होंगे, जिसे इस महीने के अंत में संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। अभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए एफडीआई की सीमा 74% निर्धारित है। अगर यह 100 फीसदी हो जाता है तो विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने और स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति मिलेगी। इस कदम से वैश्विक इंश्योरेंस कंपनियां यहां आने के लिए आकर्षित होंगे जिससे इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और निवेश बढ़ेगा। इसके अलावा विधेयक में इंश्योरेंस एजेंट्स को कई कंपनियों की पॉलिसी बेचने की अनुमति देने की बात कही गई है। अभी उन्हें केवल एक लाइफ और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी से ही जुड़ने की मंजूरी है।

घरेलू इंश्योरेंस मार्केट की अभी ऐसी है स्थिति

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