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हेल्थ इंश्योरेंस में GST पर राहत से बीमा शेयरों में रौनक, करीब 1% भागे HDFC LIFE और ICICI Pru के शेयर

अगर पूरा 18 फीसदी GST हटा लिया जाता है तो सरकार पर 5385 करोड़ रुपए की मार संभव है। बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार आपस में आधा-आधा GST बांटती हैं। इस खबर के बीच HDFC LIFE और ICICI प्रूडेंशियल जोश में दिख रहे हैं। फिलहाल HDFC LIFE 3.75 रुपए यानी 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 746 रुपए के आसपास दिख रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 21, 2024 पर 3:47 PM
हेल्थ इंश्योरेंस में GST पर राहत से बीमा शेयरों में रौनक, करीब 1% भागे HDFC LIFE और ICICI Pru के शेयर
ICICI प्रूडेंशियल जोश में है फिलहाल ये शेयर 5.35 रुपए यानी 0.72 फीसदी की बढ़त के साथ 750 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है

हेल्थ इंश्योरेंस में GST पर राहत से बीमा शेयरों में रौनक देखने को मिल रही है। HDFC LIFE और ICICI प्रूडेंशियल करीब 1 फीसदी ऊपर हैं। इस खबर के चलते बाजार की नजर आज इंश्योरेंस कंपनियों पर है। हेल्थ और टर्म लाईफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी से जल्द राहत मुमकिन है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी पैनल ने सीनियर सिटिजन्स को पूरी तरह से जबकि आम लोगों के लिए 5 लाख तक के हेल्थ कवर और टर्म लाईफ इंश्योरेंश के प्रीमीयम पर से भी जीएसटी हटाने की सिफारिश की है। पैनल ने इसके अलावा बच्चों की एक्सरसाईज़ बुक, पैकेज्ड वाटर, और साईकिल पर जीएसटी घटाने साथ ही महंगे जूते और घड़ियों पर जीएसटी बढ़ाने की भी सिफारिश की है। अगले महीने होने वाली जीएसटी कौंसिल की बैठक में पैनल की सिफारिशों पर अंतिम फैसला होगा।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक हेल्थ और टर्म लाईफ इंश्योरेंश खरीदना जल्द सस्ता होगा। जीएसटी पैनल (GoM) ने GST हटाने की सिफारिश की है। सीनीयर सिटिजन के लिए हेल्थ कवर पर GST नहीं लगेगा। वहीं सभी के लिए 5 लाख तक के हेल्थ कवर पर से GST हटेगा। टर्म लाईफ इंश्योरेंश पर भी GST नहीं लगाने पर सहमति बनी है। टर्म इंश्योरेंश में इंडिविजुअल्स और फैमिली को ही राहत मिलेगी।

इसके अलावा एक्सरसाईज़ बुक, 20 लीटर से ज्यादा का पैकेज्ड वाटर और 10 हज़ार से कम की साईकिल पर 5 फीसजी GST लगाने की सिफारिश की गई है। GoM ने 15000 से ऊपर के जूते और 25000 से उपर की घड़ियों पर 28 फीसदी GST लगाने की सिफारिश की है।

अगर पूरा 18 फीसदी GST हटा लिया जाता है तो सरकार पर 5385 करोड़ रुपए की मार संभव है। बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार आपस में आधा-आधा GST बांटती हैं।

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