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Kalyan Jewellers Shares: 11 दिनों में ₹30000 करोड़ साफ, आखिर कब थमेगी कल्याण ज्वैलर्स की गिरावट?

Kalyan Jewellers Shares: कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों की बिकवाली थम ही नहीं रही है। लगातार तीसरे कारोबारी दिन यह टूटा है। इस साल के 2025 के शुरू होने के बाद दूसरे ही दिन यह रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था लेकिन फिर बिकवाली शुरू हुई तो 14 जनवरी को ही थमी लेकिन फिर लगातार तीसरे कारोबारी दिन आज यह टूट गया। इसके शेयरों के गिरावट की सबसे अहम वजह तो मुनाफावसूली है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jan 17, 2025 पर 10:29 PM
Kalyan Jewellers Shares: 11 दिनों में ₹30000 करोड़ साफ, आखिर कब थमेगी कल्याण ज्वैलर्स की गिरावट?
Kalyan Jewellers ओवरसोल्ड जोन में बना हुआ है। इसका रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 21 पर है और इसके 30 के नीचे जाने का मतलब ओवरसोल्ड होता है।

Kalyan Jewellers Shares: कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों की बिकवाली थम ही नहीं रही है। लगातार तीसरे कारोबारी दिन यह टूटा है। इस साल के 2025 के शुरू होने के बाद दूसरे ही दिन यह रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था लेकिन फिर बिकवाली शुरू हुई तो 14 जनवरी को ही थमी लेकिन फिर लगातार तीसरे कारोबारी दिन आज यह टूट गया। इसके शेयरों के गिरावट की सबसे अहम वजह तो मुनाफावसूली है क्योंकि पिछले साल यह ताबड़तोड़ स्पीड से ऊपर चढ़ा था। पिछले साल यह 116 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ था जबकि तीन साल पहले यह 70 रुपये के भी नीचे था। इस साल की शुरुआत में यह 800 रुपये के करीब पहुंच गया था।

बीएसई पर आज यह 6.93 फीसदी की गिरावट के साथ 501.65 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 7.45 फीसदी फिसलकर 498.85 रुपये तक आ गया था। 2 जनवरी को इसका मार्केट कैप 82 हजार करोड़ रुपये था जोकि अब 52 हजार करोड़ से कम ही रह गया यानी कि दो हफ्ते से भी कम समय में निवेशकों का पैसा 30 हजार करोड़ रुपये घट गया है।

Kalyan Jewellers पर क्या है ब्रोकरेजेज का रुझान?

चार्ट पर बात करें तो कल्याण ज्वैलर्स ओवरसोल्ड जोन में बना हुआ है। इसका रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 21 पर है और इसके 30 के नीचे जाने का मतलब ओवरसोल्ड होता है। सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कल्याण ज्वैलर्स के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि पिछले ढाई साल से कंपनी के शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है और अब जो दबाव दिख रहा है, वह शॉर्ट टर्म के लिए है और मुनाफावसूली, ब्रोडर मैक्रोइकनॉमिक फैक्टर्स, करेक्शन के चलते ही है।

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