Get App

कर्नाटक सरकार मिनरल लैंड और मिनरल राइट्स पर लगाने वाली है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स; NMDC, Vedanta, JSW Steel की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

यह प्रस्तावित बिल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद आया है, जिसमें राज्य सरकारों को मिनरल्स पर टैक्स लगाने की इजाजत दी गई थी। खनिज अधिकारों पर टैक्स के हिस्से के रूप में, अलग-अलग रेट प्रस्तावित की गई हैं, जो जनवरी 2015 से प्रभावी होंगी

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 23, 2024 पर 4:14 PM
कर्नाटक सरकार मिनरल लैंड और मिनरल राइट्स पर लगाने वाली है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स; NMDC, Vedanta, JSW Steel की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
वेदांता और संदूर मैंगनीज कर्नाटक में आयरन ओर की प्रमुख प्रोड्यूसर हैं।

कर्नाटक सरकार के एक कदम से NMDC, वेदांता, JSW Steel की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कर्नाटक मिनरल टैक्स बिल 2024 में खनिज भूमि यानि मिनरल लैंड और खनिज अधिकारों यानि मिनरल राइट्स पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाने का प्रपोजल है। अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले पिछले 12 वर्षों में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया जाएगा। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का अर्थ है वर्तमान कानून में संशोधन को, बदलाव लागू होने की तारीख से पहले से प्रभावी करना। यह एक ऐसा टैक्स है, जो अतीत में हुए लेन-देन या सौदे पर लगाया जाता है।

यह प्रस्तावित बिल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद आया है, जिसमें राज्य सरकारों को मिनरल्स पर टैक्स लगाने की इजाजत दी गई थी। 9 जजों की संविधान पीठ ने 25 जुलाई को फैसला सुनाया था कि राज्यों के पास उस जमीन पर टैक्स और सेस जैसे शुल्क लगाने का अधिकार है, जहां से खनिज निकाला जाता है। साथ ही खनिजों पर भी टैक्स लगाने का अधिकार है।

आयरन ओर पर कितना मिनरल लैंड टैक्स

CNBC-TV18 से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप लौह अयस्क यानि आयरन ओर पर 100 रुपये प्रति टन का मिनरल लैंड टैक्स प्रस्तावित किया जा रहा है और यह जनवरी 2005 से लागू होगा। खनिज अधिकारों पर टैक्स के हिस्से के रूप में, अलग-अलग रेट प्रस्तावित की गई हैं, जो जनवरी 2015 से प्रभावी होंगी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें