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Saurabh Mukherjea: कोविड के दौरान लिया गया होम लोन अब बन रहा गले की फांस, हर 10 में से एक परिवार नहीं चुका पाएगा अपना लोन

बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे टेक्नोलॉजी का हब माने जाने वाले शहरों में कई परिवारों के कर्ज के जाल में फंसने का खतरा बढ़ रहा है। हर 10 में से एक परिवार अपना लोन नहीं चुका पाएगा। इसकी बड़ी वजह जॉब मार्केट्स खासकर टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियर सेक्टर में बढ़ रही सुस्ती है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 02, 2025 पर 3:06 PM
Saurabh Mukherjea: कोविड के दौरान लिया गया होम लोन अब बन रहा गले की फांस, हर 10 में से एक परिवार नहीं चुका पाएगा अपना लोन
क्रेडिट कार्ड्स और कमर्शियल व्हीकल्स फाइनेंसिंग में भी हालात खराब दिख रहे हैं। SBI Cards के तिमाही नतीजों से बिजनेस पर दबाव बढ़ने के संकेत मिले हैं।

महंगे घर खरीदने वाले कई लोग लोन का पैसा नहीं चुका पा रहे हैं। ऐसा बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में देखने को मिल रहा है, जो इंडिया में टेक्नोलॉजी के सबसे बड़े हब माने जाते हैं। यह कर्ज लेकर महंगी खरीदारी के ट्रेंड पर दबाव का संकेत हो सकता है। मार्सेलस इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर सौरभ मुखर्जी के मुताबिक, पहले चेक बाउंस के मामले बीते 10 साल में सबसे हाई लेवल पर हैं। बैंकों के डायरेक्ट सेलिंग एजेंट्स के साथ बातचीत में उन्हें यह जानकारी मिली है।

कोविड के दौरान लिया गया होम लोन अब बन रहा गले की फांस

Marcellus Investment Managers के फाउंडर Saurabh Mukherjea का मानना है कि कोविड के दौरान डबल इनकम (पति-पत्नी) वाले परिवारों ने कर्ज लेकर बड़े खरीदे थे। अब वह कर्ज उन पर भारी पड़ रहा है। एन महालक्ष्मी के पॉडकास्ट 'द वेल्थ फॉर्मूला' में मुखर्जी ने इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "कोविड के समय कई परिवारों ने बड़े फ्लैट्स खरीदे थे, क्योंकि पति और पत्नी दोनों घर से काम कर रहे थे। अब टेक्नोलॉजी में नौकरी के लिहाज से हालात बदल गए हैं। इससे उन परिवारों को पर्सनल लोन और होम लोन की EMI चुकाने में दिक्कत आ रही है।"

MFI सेक्टर में भी लोन की वसूली में आ रही दिक्कतें

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