Market This Week : छुट्टियों के कारण इस छोटे सप्ताह में सभी सेक्टरों, विशेषकर मेटल और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी के बीच मिड और स्मॉलकैप शेयरों में 1-2 फीसदी की बढ़त हुई और उन्होंने बेंच मार्का इंडेक्सों से बेहतर प्रदर्शन किया। सप्ताह के दौरान, बीएसई सेंसेक्स 780.71 अंक या 0.97 प्रतिशत बढ़कर 81,207.17 पर और निफ्टी 50 239.55 अंक या 0.97 प्रतिशत बढ़कर 24,894.25 पर बंद हुआ।
इस हफ्ते सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 4 प्रतिशत से अधिक बढ़ा, निफ्टी मेटल इंडेक्स 4 प्रतिशत बढ़ा, निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 2.5 प्रतिशत उछला, निफ्टी डिफेंस इंडेक्स 2.3 प्रतिशत बढ़ा, निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2 प्रतिशत बढ़ा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली लगातार 12वें सप्ताह भी जारी रही और उन्होंने 8,347.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की खरीद 24वें सप्ताह भी जारी रही और उन्होंने 13,013.40 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। स्टैलियन इंडिया फ्लोरोकेमिकल्स, सम्मान कैपिटल, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, डायनकॉन्स सिस्टम्स एंड सॉल्यूशंस, वास्कॉन इंजीनियर्स, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, वी2 रिटेल, जॉन कॉकरिल इंडिया, इंडो थाई सिक्योरिटीज, उगरो कैपिटल, बोरोसिल साइंटिफिक, पैनोरमा स्टूडियोज इंटरनेशनल, गुड लक इंडिया, 12-33 प्रतिशत बढ़े।
उधर शंकरा बिल्डिंग प्रोडक्ट्स, जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स, वंडर इलेक्ट्रिकल्स, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीज, मैन इंडस्ट्रीज (इंडिया), ह्यूबैक कलरेंट्स इंडिया, परमानेंट मैग्नेट्स 10-14 प्रतिशत के बीच गिरे।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, नंदीश शाह ने कहा कि निफ्टी का शॉर्ट टर्म ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है क्योंकि यह अपने 5-डे ईएमए से ऊपर बना हुआ है। निफ्टी के लिए रेजिस्टेंस लेवल अब 24916 और 25018 पर दिख रहें हैं जो 25448 से 24587 तक हुई पूरी गिरावट के 38.2% और 50% रिट्रेसमेंट से हासिल हुए हैं। 20 डे ईएमए रेजिस्टेंस 38.2% रिट्रेसमेंट के साथ मेल खाता है, जो निफ्टी के लिए 24916 के स्तर को रेजिस्टेंस बना देता है। नीचे की ओर, 24747 निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट साबित हो सकता है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि आगे बाजार की तेजी को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही की मजबूत अर्निंग्स और मौसमी मांग में तेजी से सपोर्ट मिल सकता है। हालांकि ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी घटनाएं
बाजार की गति को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही की मजबूत आय और मौसमी मांग के अनुकूल माहौल से समर्थन मिलने की उम्मीद है, हालांकि वैश्विक व्यापार घटनाक्रम और अमेरिकी के नीतिगत फैसले शॉर्ट टर्म वोलैटिलिटी पैदा कर सकते हैं।
यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में हाल ही में की गई 25-बेसिस प्वाइंट की कटौती और आगे भी नरमी जारी रहने की संबावना से उभरते बाजारों में एफआईआई निवेश बढ़ने की संभावना है। अच्छी बात ये है कि दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में भारत का वैल्यूएशन प्रीमियम कम हुआ है, जिससे विदेशी निवेश में बढ़त की गुंजाइश बनी हुई है। इससे निकट भविष्य में तेजी बढ़ने की संभावना है।
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