Get App

Market Outlook: आठ दिनों की गिरावट के बाद सेंसेक्स-निफ्टी बढ़त पर बंद, जानिए 18 फरवरी को कैसी रह सकती है इनकी चाल

Market trend: वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में दिखी कमजोर अर्निंग ग्रोथ के साथ ही एफआईआई द्वारा हो रही निरंतर बिकवाली, निकट भविष्य में बाजार में उछाल की संभावना को सीमित कर रही है। कमजोर होते रुपये और बढ़ते व्यापार घाटे के कारण निवेशकों में सतर्कता की भावना बढ़ने की संभावना है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 17, 2025 पर 4:19 PM
Market Outlook: आठ दिनों की गिरावट के बाद सेंसेक्स-निफ्टी बढ़त पर बंद, जानिए 18 फरवरी को कैसी रह सकती है इनकी चाल
Share Market : छोटे-मझोले शेयरों में मजबूत रिकवरी दिखी। जिसके चलते मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स हरे रंग में बंद होने में कामयाब रहे। हाल के हफ्तों में निफ्टी ने तीसरी बार 22,800 के स्तर का सफलतापूर्वक बचाव किया

Stock market : 17 फरवरी को वोलेटाइल मार्केट सेशन में भारतीय इक्विटी इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 57.65 अंक या 0.08 फीसदी बढ़कर 75,996.86 पर और निफ्टी 30.25 अंक या 0.13 फीसदी बढ़कर 22,959.50 पर बंद हुआ। आज लगभग 1286 शेयरों में तेजी आई, 2625 शेयरों में गिरावट आई और 135 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बजाज फिनसर्व, अदाणी एंटरप्राइजेज, पावर ग्रिड कॉर्प, इंडसइंड बैंक और श्रीराम फाइनेंस निफ्टी के टॉप गेनर रहे। जबकि एमएंडएम, भारती एयरटेल, विप्रो, टीसीएस और इंफोसिस में गिरावट आई।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.5 फीसदी बढ़ा और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। अगल-अलग सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो ऑटो, आईटी, टेलीकॉम, मीडिया में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई, जबकि फार्मा, पीएसयू बैंक, ऊर्जा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, मेटल सूचकांकों में 0.5-1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में दिखी कमजोर अर्निंग ग्रोथ के साथ ही एफआईआई द्वारा हो रही निरंतर बिकवाली, निकट भविष्य में बाजार में उछाल की संभावना को सीमित कर रही है। कमजोर होते रुपये और बढ़ते व्यापार घाटे के कारण निवेशकों में सतर्कता की भावना बढ़ने की संभावना है। ब्रॉडर इंडेक्सों में भारी गिरावट के बावजूद छोटे-मझोले शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी आकर्षक नहीं है। हालांकि,अमेरिकी ट्रेड नीतियों में अनिश्चितताओं में कोई कमी और डिस्क्रिशनरी खर्च में सुधार के शुरुआती संकेत बाजार में उछाल लाने में मदद कर सकते हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें