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निवेशकों को किया गुमराह, अब Educomp के निदेशकों पर चला सेबी का डंडा, लेकिन इस कारण कंपनी बची मार से

निवेशकों को गुमराह करने के मामले में बाजार नियामक सेबी (SEBI) का डंडा चला है। सेबी ने एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स (Educomp Solutions) के निदेशकों शांतनु प्रकाश और जगदीश प्रकाश पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। शांतनु पर 1.1 करोड़ रुपये और जगदीश पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। ये दोनों फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स के जरिए अपनी लिस्टेड कंपनी के बारे में गलत तस्वीर पेश करते थे जिससे निवेशक गुमराह होते थे

अपडेटेड May 31, 2023 पर 9:50 AM
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सेबी ने Educomp Solutions के निदेशकों को सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री से रोक दिया गया है और वे किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी के पास रजिस्टर्ड इंटरमीडियरी में निदेशक या मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते हैं।
     
     
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    निवेशकों को गुमराह करने के मामले में बाजार नियामक सेबी (SEBI) का डंडा चला है। सेबी ने एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स (Educomp Solutions) के निदेशकों शांतनु प्रकाश और जगदीश प्रकाश पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। शांतनु पर 1.1 करोड़ रुपये और जगदीश पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। ये दोनों फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स के जरिए अपनी लिस्टेड कंपनी के बारे में गलत तस्वीर पेश करते थे जिससे निवेशक गुमराह होते थे। शांतनु को पांच साल तक सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री से रोक दिया गया है और वे इतने समय तक ही किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी के पास रजिस्टर्ड इंटरमीडियरी में निदेशक या मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते हैं। जगदीश पर ऐसा ही प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन तीन साल तक के लिए ही। हालांकि इनकी कंपनी के खिलाफ सेबी ने कोई एक्शन नहीं लिया है।

    Educomp Solutions के खिलाफ इस कारण कोई एक्शन नहीं

    निवेशकों को गुमराह करने के मामले में सेबी ने एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स के निदेशकों पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। हालांकि इस कंपनी के खिलाफ कार्यवाही को बिना किसी निर्देश के निपटा दी गई है। इसकी वजह ये है कि इस समय कंपनी इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत है। हालांकि अगर यह रिजॉल्यूशन प्रोसेस नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुख्य पीठ पलट देती है है तो कंपनी को 1 करोड़ रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। इसके अलावा इसे पांच साल तक के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बाहर कर दिया जाएगा।


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    पूरा मामला क्या है

    सेबी के आदेश के मुताबिक एडु स्मार्ट सर्विसेज को पहले एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स ग्राहक के तौर पर दिखती थी जिससे इसे अपने आउटस्टैंडिंग को छिपाने में मदद मिली। हालांकि फिर कंपनी एक्ट 2013 में बदलाव के चलते इसे एडु स्मार्ट सर्विसेज को अपनी सब्सिडियरी घोषित करनी पड़ी। सब्सिडियरी घोषित होने के बाद एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स के मुनाफे को तगड़ा झटका लगा। 2010 में इसे 282 करोड़ रुपये, 2011 में 342 करोड़ रुपये और 2012 में 137 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष से स्थितियां बदल गई।

    वित्त वर्ष 2013 में इसे 143 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और यह बढ़ता ही रहा और वित्त वर्ष 2017 में यह 782 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेबी के आदेश के मुताबिक एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स के फाइनेंशियल्स से वित्त वर्ष 2012-13 के बाद से ट्रेड रिसीवेबल्स और राइट-ऑफ पर प्रोविजन्स में तेज उछाल का भी खुलासा हुआ। वित्त वर्ष 2013 में यह सेल्स के मुकाबले 2 फीसदी पर था लेकिन फिर वित्त वर्ष 2014 में प्रोविजन्स बढ़कर 19 फीसदी और फिर वित्त वर्ष 2015 में 125 फीसदी पर पहुंच गया।

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    निवेशकों को तगड़ा झटका

    एडुकॉम्प सॉल्यूशन्स के शेयरों ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है। सेबी के आदेश में इसका उल्लेख किया गया है कि 1 अक्टूबर 2009 को एनएसई पर यह 985.57 रुपये के भाव में मिल रहा था। हालांकि सब्सिडियरी के खुलासे के बाद से यह औंधे मुंह गिर पड़ा। अप्रैल 2014 में यह 30 रुपये के आस-पास आ गया। फिर जून 2017 से यह 10 रुपये के नीचे है। अब यह दो रुपये के भी नीचे आ चुका है। हालांकि फिलहाल इसमें ट्रेडिंग बंद है क्योंकि एनसीएलटी में इसका मामला चल रहा है।

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