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MC Exclusive: समीर अरोड़ा को इन शेयरों में दिख रहे कमाई के मौके, लगातार बढ़ा रहे निवेश

समीर अरोड़ा का कहना है कि लिस्टेड स्टार्ट-अप्स का वैल्यूएशन अन-लिस्टेड सेगमेंट की तुलना में ज्यादा बेहतर है। लेकिन जीएसटी से फायदे में रहने वाली कंपनियों पर दांव लगाना भी बहुत आसान नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 26, 2025 पर 2:28 PM
MC Exclusive: समीर अरोड़ा को इन शेयरों में दिख रहे कमाई के मौके, लगातार बढ़ा रहे निवेश
जीएसटी दरों में कटौती की बात करें तो अरोड़ा सतर्क रहते हुए आशावादी हैं। उन्होने ज़ोर देकर कहा कि जीएसटी कटौती का अंतिम प्रभाव उपभोक्ता व्यवहार पर निर्भर करेगा

दिग्गज निवेशक और हेलिओस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का कहना है कि इटरनल, पेटीएम, एथर और ओला जैसी नई पीढ़ी की कंपनियों पर उनका भरोसा है। उनके इस भरोसे की वजह इन कंपनियों की मजबूती,देश में इनकी गहरी पैठ और कमाई की इनकी क्षमता है। हेलिओस की म्यूचुअल फंड स्कीमें लगातार नए जमाने की कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर रही हैं। अगस्त तक इन फंडों ने वन97 कम्युनिकेशन, स्विगी, डेल्हीवरी, ओला और एथर एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी काफी बढ़ाई है। इसके अलावा, हेलिओस की स्कीमों में कारट्रेड, पीबी फिनटेक और इटरनल को भी जगह दी गई है। इटरनल कई तिमाहियों से हेलियस की सबसे ज़्यादा निवेश वाली कंपनी रही है।

संघर्ष जीतने वालों पर दांव लगाने का मौका

मनीकंट्रोल के साथ एक खास बातचीत में समीर अरोड़ा ने कहा, "बड़ी तस्वीर से स्थितियां साफ हैं। ये कंपनियां उस कठिन संघर्ष से जीत कर बाहर आ गई हैं जो तब शुरू हुआ जब ये सभी लिस्ट नहीं थीं। हमने शायद 100 फिनटेक कंपनियों के साथ शुरुआत की थी और अब केवल सात, आठ या दस ही बची हैं। फ़ूड डिलीवरी में भी कहानी कुछ ऐसी ही है। इस सेगमेंट की शुरुआत भी 20 कंपनियों से शुरू हुई अब केवल दो ही बची हैं। तो अब खेल जीतने वालों पर दांव लगाने का मौका है।"

अरोड़ा ने ज़ोर देकर कहा कि इस सेक्टर पर दांव लगाने की वजह सेक्टर की ग्रोथ नहीं है, बल्कि लोगों की बीच बढ़ती पैठ इस सेक्टर को पसंद करने की खास वजह है। लोग अब पारंपरिक दुकानों की बजाय क्विक कॉमर्स कंपनियों को प्राथमिकता दे रहें। क्विक कॉमर्स कंपनियों के ग्रोथ के लिए काफी स्पेस है। ग्राहकों के लिए इसे अपनाना फायदेमंद है। उन्हें बिना ज़्यादा लागत के तेज़ डिलीवरी मिलती। समीर अरोड़ा ने यह भी समझाया कि ये कंपनियां पहले से ही कैसे पैसा कमा रही हैं। इनको लगभग 8-10 रुपये प्रति ऑर्डर मिलता है, जिसमें 5 रुपये मार्जिन से और 3-4 रुपये एड रेवेन्यू से आते हैं।

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