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Mutual Fund को स्पॉन्सर कर सकेंगे PE Funds, बड़े बदलाव की तैयारी में SEBI, किया वर्किंग ग्रुप का गठन

इस बीच 37 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में निजी इक्विटी फंडों ने भी प्रवेश करने में रुचि दिखाई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 11, 2022 पर 10:56 AM
Mutual Fund को स्पॉन्सर कर सकेंगे PE Funds, बड़े बदलाव की तैयारी में SEBI, किया वर्किंग ग्रुप का गठन
Bandhan Financial Holding के नेतृत्व वाले निवेशकों के समूह द्वारा IDFC Mutual Fund को खरीदे जाने के बाद SEBI ने ये कदम उठाया है

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक वर्किंग ग्रुप (कार्य समूह) का गठन किया है जो मौजूदा नियमों को परखेगा और अलग पात्रता मानदंड की सिफारिश करेगा। सेबी के वर्किंग ग्रुप द्वारा सुझाये गये पात्रता मानदंड (eligibility criteria) के मुताबिक प्राइवेट इक्विटी (PE) फंड और अन्य गैर-पात्र संस्थाओं को फंड हाउस को स्पॉन्सर करने की अनुमति मिलेगी।

सेबी ने कहा कि वर्किंग ग्रुप की भूमिका "हितों के टकराव को दूर करने के लिए मेकेनिजम (कार्यप्रणाली) की सिफारिश करने के लिए होगी। पूल्ड इन्वेस्टमेंट वेहिकल /प्राइवेट इक्विटी के प्रायोजक के रूप में कार्य करने पर हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही ये वर्किंग ग्रुप एसेट मैनेजमेंट कंपनी में स्पॉन्सर की मौजूदा न्यूनतम 40 प्रतिशत हिस्सेदारी को कम करने की जरूरत की जांच करेंगे और इस संबंध में अपनाये जाने वाले विकल्प की तलाश करेंगे।"

मौजूदा नियमों के मुताबिक म्युचुअल फंड में 40 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली किसी भी संस्था को स्पॉन्सर माना जाता है और उन्हें पात्रता मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होती है।

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