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New EV Policy Guidelines : नई EV पॉलिसी गाइडलाइंस जारी, मेक इन इंडिया के तहत 50% उत्पादन करना होगा जरूरी

New EV Policy : नई जारी की गई EV पॉलिसी गाइडलाइंस में भारी उद्योग मंत्रालय ने EV मैन्युफैक्चरिंग गाइडलाइंस जारी की है। इसमें भारत में EV पैसेंजर कार बनाने पर फोकस है। इसमें कहा गया है कि 3 साल में भारत में 4,150 करोड़ रुपए का निवेश जरूरी है। मेक इन इंडिया के तहत 50 फीसदी उत्पादन जरूरी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 02, 2025 पर 2:37 PM
New EV Policy Guidelines : नई EV पॉलिसी गाइडलाइंस जारी, मेक इन इंडिया के तहत 50% उत्पादन करना होगा जरूरी
इन नई पॉलिसी के तहत भारत में 48.6 करोड़ डॉलर तक के निवेश पर न्यूनतम ड्यूटी लगेगी। न्यूनतम ड्यूटी के लिए 48.6 करोड़ डॉलर का निवेश जरूरी होगा। नई स्कीम में सालाना 8,000 EVs इंपोर्ट को मंजूर किया गया है। मंजूरी मिलने के बाद 3 साल में EV उत्पादन जरूरी होगा

भारत में EV पैसेंजर कार मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इसके लिए सरकार ने EV मैन्युफैक्चरिंग गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इन गाइडलाइंस के तहत मेक इन इंडिया के तहत 50 फीसदी उत्पादन जरूरी है। हालांकि, भारी उद्योग मंत्री H. D. Kumaraswamy टेस्ला ने भारत में कार बनाने में अभी कोई रुची नहीं दिखाई है। भारी उद्योग मंत्रालय ने आज नई EV पॉलिसी के लिए गाइडलाइंस जारी की है। आइए देखते हैं इसमें क्या है खास।

नई EV पॉलिसी गाइडलाइंस

नई जारी की गई EV पॉलिसी गाइडलाइंस में भारी उद्योग मंत्रालय ने EV मैन्युफैक्चरिंग गाइडलाइंस जारी की है। इसमें भारत में EV पैसेंजर कार बनाने पर फोकस है। इसमें कहा गया है कि 3 साल में भारत में 4,150 करोड़ रुपए का निवेश जरूरी है। मेक इन इंडिया के तहत 50 फीसदी उत्पादन जरूरी है। अब जमीन की कीमत निवेश का हिस्सा नहीं होगी। नई स्कीम में 35,000 हजार डॉलर तक के कार इंपोर्ट को मंजूरी दी गई है। 5 साल तक 15 फीसदी टैरिफ पर EV कार इंपोर्ट को मंजूरी दी गई है।

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