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Option Trading: ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू कर रहे हैं? जानें ये 3 जरूरी टिप्स, जो बचा सकती हैं बड़ा नुकसान

Option Trading: असल में हम भले ही स्टॉक्स और इंडेक्स पर ही ट्रेड कर रहे होते हैं, लेकिन ऑप्शन के साथ हम कुछ और चीजों पर भी दांव लगा रहे होते हैं। इसका मतलब है कि स्टॉक या इंडेक्स सिर्फ ऑप्शन प्रीमियम (यानी ऑप्शन का भाव) का एक हिस्सा होते हैं। ऑप्शन प्रीमियम के कुल तीन बड़े हिस्से होते हैं, जिनका असर ऑप्शन के प्रीमियम कीमत पर पड़ता है

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 14, 2025 पर 4:47 PM
Option Trading: ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू कर रहे हैं? जानें ये 3 जरूरी टिप्स, जो बचा सकती हैं बड़ा नुकसान
Option Trading: ऑप्शन के प्रीमियम के कैलकुलेशन में समय की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है

Option Trading: ऑप्शन ट्रेडिंग आसान भी है और मुश्किल भी। आसान इसलिए क्योंकि शेयर बाजार में जहां 15% से 50% का मूव बहुत बड़ा माना जाता है, वहीं ऑप्शंस में आसानी से 100% से भी अधिक का मूव दिख जाता हैं। ऑप्शन सेलिंग एक अलग ट्रेडिंग सिस्टम है जिसके अपने फायदे और आकर्षण हैं। लेकिन फिलहाल हम शुरुआत करने वालों के लिए सिर्फ ऑप्शन बायिंग पर ध्यान देंगे। इसमें कम पूंजी लगती है और बहुत बड़े रिटर्न की संभावना भी होती है। इसके बावजूद बहुत से नए ट्रेडर्स कुछ ही दिनों में ऑप्शन ट्रेडिंग से तौबा कर लेते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वे ऑप्शन ट्रेडिंग को स्टॉक ट्रेडिंग जैसा समझ लेते हैं।

असल में हम भले ही स्टॉक्स और इंडेक्स पर ही ट्रेड कर रहे होते हैं, लेकिन ऑप्शन के साथ हम कुछ और चीजों पर भी दांव लगा रहे होते हैं। इसका मतलब है कि स्टॉक या इंडेक्स सिर्फ ऑप्शन प्रीमियम (यानी ऑप्शन का भाव) का एक हिस्सा होते हैं। ऑप्शन प्रीमियम के कुल तीन बड़े हिस्से होते हैं, जिनका असर ऑप्शन के प्रीमियम कीमत पर पड़ता है-

1. एक्सपायरी तक बचा हुआ समय

2. स्टॉक की वोलैटिलिटी

3. स्ट्राइक प्राइस का चुनाव

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