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निवेशकों के लिए अब सही समय, ट्रेडर्स हर दिन और हर हफ्ते के हिसाब से बनाएं नई रणनीति -अनुज सिंघल

अनुज सिघल ने कहा कि सही समय पर मुनाफावसूली की बड़ी अहमियत होती है। कल 20 DEMA पर मुनाफा बुक करने की सलाह दी गई थी। जब यह बात कही थी तब ये नहीं पता था कि इतनी गिरावट आएगी। लेकिन बात होती है एक रिस्क-रिवॉर्ड के बीच तालमेल की। बड़ा ट्रेंड डाउन था, उसमें एक काउंटर ट्रेंड रैली हुई। पहले भी दो बार यह रैली ठीक 20 DEMA पर फेल हुई थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 11, 2025 पर 11:48 AM
निवेशकों के लिए अब सही समय, ट्रेडर्स हर दिन और हर हफ्ते के हिसाब से बनाएं नई रणनीति -अनुज सिंघल
अनुज का कहना है कि निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 22,300-22,350 पर और बड़ा सपोर्ट 22,100-22,200 पर है। कल कहा गया था कि सभी लॉन्ग पोजीशन में मुनाफावसूली करें

भारतीय बाजारों में आज सुस्त कारोबार देखने को मिल रहा है। हालांकि गिरावट के साथ खुलने के बाद बाजार में नीचे से अच्छी रिकवरी आई है। ऐसे में बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिघल ने कहा कि सही समय पर मुनाफावसूली की बड़ी अहमियत होती है। कल 20 DEMA पर मुनाफा बुक करने की सलाह दी गई थी। जब यह बात कही थी तब ये नहीं पता था कि इतनी गिरावट आएगी। लेकिन बात होती है एक रिस्क-रिवॉर्ड के बीच तालमेल की। बड़ा ट्रेंड डाउन था, उसमें एक काउंटर ट्रेंड रैली हुई। पहले भी दो बार यह रैली ठीक 20 DEMA पर फेल हुई थी। इस बार भी इसलिए 20 DEMA पर एक बार साइड हो जाने का नजरिया था। हां, ये जरूर है कि कल शॉर्ट करने की राय नहीं दी थी। लेकिन आज साफ हो जाएगा कि अब नए शॉर्ट ट्रेड का वक्त है या लॉन्ग का। अगर निफ्टी ने क्लोजिंग में 22,150 बचा लिया तो पॉजिटिव होगा। FIIs की बिकवाली कल काफी दिनों बाद 1000 करोड़ रुपए के नीचे आई है। 2025 में यह संभव है कि अमेरिका गिरे और भारत चले। निवेशकों के लिए यही समय अब सही समय है। ट्रेडर्स को हर दिन और हर हफ्ते नई रणनीति बनानी होगी

आज का एक्सिडेंट: इंडसइंड बैंक

अनुज का कहना है कि इंडसइंड बैंक आज का एक्सिडेंट साबित हुआ है। बैंक ने अपने खातों की आंतरिक समीक्षा की है। इसमें डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिसमैच सामने आया है। इससे बैंक को नेटवर्थ में 2.35 फीसदी की कमी की आशंका है। 2.35 फीसदी कमी का मतलब P&L पर करीब 1500 करोड़ रुपए का असर होगा। बैंक ने खातों की समीक्षा के लिए बाहरी एजेंसी नियुक्त की है। एकमुश्त घाटे को सहने के लिए मुनाफा और कैपिटल एडिक्वेसी पर्याप्त है। मुनाफे पर एक बार का असर पड़ेगा, लेकिन इससे शेयर की डीरेटिंग संभव है। एनालिस्ट्स ने अर्निंग अनुमान में 20%-25% की कटौती की है। पूरा मामला बैंक के CEO को RBI से सिर्फ एक साल के एक्सटेंशन के करीब सामने आया है। साफ है कि RBI मौजूदा मैनेजमेंट को लेकर सहज नहीं है।

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