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IPO की मंजूरी का इंतजार कर रहे NSE की बड़ी उपलब्धि, शेयरहोल्डर्स की संख्या 1 लाख के पार

NSE के लगभग 34,000 रिटेल शेयरहोल्डर ऐसे हैं, जिनमें से हर एक के पास 2 लाख रुपये तक के शेयर हैं। इसके शेयरहोल्डर्स में कई विदेशी शेयरहोल्डर भी शामिल हैं। NSE को अपने IPO के लिए रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार है। इसका IPO 8 साल से अधिक समय से अटका हुआ है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 15, 2025 पर 6:10 PM
IPO की मंजूरी का इंतजार कर रहे NSE की बड़ी उपलब्धि, शेयरहोल्डर्स की संख्या 1 लाख के पार
NSE शेयरधारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में शेयरहोल्डर्स की संख्या अब 1 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। इसके चलते इनवेस्टर बेस के मामले में यह देश की सबसे बड़ी नॉन-लिस्टेड एंटिटीज में से एक बन गई है। दिलचस्प बात यह है कि देश की कई लिस्टेड कंपनियों के पास भी इतना बड़ा इनवेस्टर बेस नहीं है। बाजार सूत्रों के अनुसार, NSE प्रॉफिटे​बिलिटी के मामले में देश की टॉप 25 कंपनियों में शामिल है।

एक्सचेंज के खुलासे के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में NSE का कंसोलिडेटेड बेसिस पर शुद्ध मुनाफा 12,188 करोड़ रुपये आंका गया। यह इससे पहले के वित्त वर्ष के मुनाफे से 47 प्रतिशत अधिक है। NSE शेयरधारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

NSE शेयरहोल्डर्स में कौन से बड़े नाम शामिल

NSE के शेयरहोल्डर्स में शामिल कुछ बड़े नामों में LIC, GIC, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी प्रमुख बीमा कंपनियां शामिल हैं। भारतीय स्टेट बैंक की भी एक्सचेंज में 3.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है। NSE में कई विदेशी शेयरहोल्डर भी हैं, जैसे कि कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट बोर्ड, क्राउन कैपिटल, एमएस स्ट्रेटेजिक (मॉरीशस), TIMF Holdings, टीए एशिया पैसिफिक एक्वीजीशंस और अरंडा इनवेस्टमेंट्स (मॉरीशस) प्राइवेट लिमिटेड। मार्च 2025 तिमाही के लिए एक्सचेंज के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, लगभग 34,000 रिटेल शेयरहोल्डर ऐसे हैं, जिनमें से हर एक के पास 2 लाख रुपये तक के शेयर हैं।

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