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रूसी आक्रामकता को बुल्स ने दी मात, पुतिन नहीं, पॉवेल बाजार को कर रहे परेशान

जब व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान की शुरुआत की थी तो जियो पोलिटिकल विश्लेषकों के बीच बहस का मुख्य बिंदु यह था कि क्या कीव तीन या चार दिनों में आत्मसमर्पण करेगा। लेकिन युद्ध के शुरुआत से अब तक रूसी वॉर मशीन को भारी नुकसान हुआ है। संघर्ष का कोई अंत भी नहीं दिखाई दे रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 23, 2023 पर 7:42 PM
रूसी आक्रामकता को बुल्स ने दी मात, पुतिन नहीं, पॉवेल बाजार को कर रहे परेशान
अधिकांश एनालिस्ट का मानना है कि यूएसफेड अपने महंगाई के लक्ष्य को हसिल करने के लिए ब्याज दरों में और बढ़ोत्तरी कर सकता है। यही बात बजार को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है

1 सितंबर 1939 को जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण करके दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत कर दी थी। पोलैंड पर जर्मनी का आक्रण शुरू होते ही डॉओ जोन्स इंडेक्स में कारोबारी दिन के पहले सत्र में 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली। ये अपने में एक अपवाद ही है।

आमतौर पर तेजड़ियो और मंदड़ियों के बीच शाश्वत संघर्ष का अखाड़ा होने के बावजूद शेयर बाजारों ने अक्सर किसी जियोपोलिटिकल उथल-पुथल के दौरान किसी संत जैसी शांति और स्थिरता ही दिखाई है।

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