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भारतीय फार्मा कंपनियों को ट्रंप से बड़ा झटका लगने की आशंका, स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू

ट्रंप सरकार ने सेक्शन 232 के तहत फार्मा इंपोर्ट की जांच कर रही है। इसके तहत एक्टिव फार्मा एनग्रेडिएंट्स (API) भी शामिल हैं। जेनरिका दवाओं के उत्पादन में एपीआई का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है। इस जांच की रिपोर्ट 27 दिसंबर, 2025 तक आने की उम्मीद है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 29, 2025 पर 10:04 PM
भारतीय फार्मा कंपनियों को ट्रंप से बड़ा झटका लगने की आशंका, स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू
फार्मा इंडस्ट्री का मानना है कि 100 फीसदी टैरिफ से जेनरिक को मिली छूट अस्थायी है। जल्द हालात बदल सकते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का असर दवाओं की ग्लोबल सप्लाई चेन पर पड़ सकता है। यह टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। फिलहाल जनेरिक दवाओं को 100 फीसदी टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है। इसके बावजूद ट्रंप के इस फैसले को भारतीय दवा कंपनियों के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। इंडियन फार्मा कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को करीब 10 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं का निर्यात किया। यह उनके कुल निर्यात का करीब 35 फीसदी है।

ट्रंप सरकार फार्मा इंपोर्ट की कर रही है जांच

ट्रंप सरकार ने सेक्शन 232 के तहत फार्मा इंपोर्ट की जांच कर रही है। इसके तहत एक्टिव फार्मा एनग्रेडिएंट्स (API) भी शामिल हैं। जेनरिका दवाओं के उत्पादन में एपीआई का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है। इस जांच की रिपोर्ट 27 दिसंबर, 2025 तक आने की उम्मीद है। इस मामले में मार्च 2026 तक राष्ट्रपति फैसला ले सकते हैं। फार्मा इंडस्ट्री की नजरें इस पर लगी हैं। फार्मा इंडस्ट्री का मानना है कि 100 फीसदी टैरिफ से जेनरिक को मिली छूट अस्थायी है। जल्द हालात बदल सकते हैं।

जेनरिक के इस्तेमाल से अमेरिका को फायदा

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