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Front Running Case: Quant Mutual Fund के खिलाफ एक्शन से इन स्टॉक्स पर दिख सकता है दबाव

मई में क्वांट म्यूचुअल फंड को स्मॉल-कैप फंड्स में नेट फ्लो का 43 प्रतिशत मिला। क्वांट 20,000 करोड़ रुपये के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट के साथ देश में तीसरा सबसे बड़ा स्मॉल-कैप फंड चलाता है। फंड की शुरुआत संदीप टंडन ने की थी। क्वांट म्यूचुअल फंड को 2017 में सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया से म्यूचुअल फंड लाइसेंस मिला।

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 24, 2024 पर 8:58 AM
Front Running Case: Quant Mutual Fund के खिलाफ एक्शन से इन स्टॉक्स पर दिख सकता है दबाव
सोर्सेज के मुताबिक, Quant Mutual Fund के मुंबई और हैदराबाद स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई।

फ्रंट रनिंग के मामले में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) के ठिकानों पर छापेमारी की है। फ्रंट रनिंग का मतलब ऐसी अवैध गतिविधि से है, जहां फंड मैनेजर/डीलर/ब्रोकर को आने वाले बड़े ट्रेड के बारे में पहले से पता होता है और इस आधार पर वे पहले ऑर्डर करते हैं और मुनाफा कमाते हैं। सोर्सेज के मुताबिक, फंड के मुंबई और हैदराबाद स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी के बाद जिन शेयरों में क्वांट म्यूचुअल फंड की बड़ी हिस्सेदारी है, उन में दबाव दिख सकता है।

क्वांट 20,000 करोड़ रुपये के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट के साथ देश में तीसरा सबसे बड़ा स्मॉल-कैप फंड चलाता है। यह देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला म्यूचुअल फंड रहा है, जिसका कुल एयूएम 50,000 करोड़ रुपये से बढ़कर इस कैलेंडर वर्ष में लगभग 90,000 करोड़ रुपये हो गया।

किन शेयरों पर दिख सकता है असर

मई में क्वांट म्यूचुअल फंड को स्मॉल-कैप फंड्स में नेट फ्लो का 43 प्रतिशत मिला। जिन शेयरों में फंड की 5 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी, उनमें सेंचुरी एनका (7.87 प्रतिशत), ऑर्किड्स फार्मा (6.83 प्रतिशत), HFCL (6.42 प्रतिशत), अरविंद (5.76 प्रतिशत), स्ट्राइड फार्मा साइंस (5.42 प्रतिशत), कीस्टोन रियल्टर्स (5.40 प्रतिशत), पिक्स ट्रांसमिशन (5.21 प्रतिशत) और HEG (5.20 प्रतिशत) शामिल हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ छोटे स्टॉक जिनमें डेली ट्रेडेड वॉल्यूम कम है, उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा।

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