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रामदेव अग्रवाल ने कहा 'जिस कंपनी का बिजनेस समझ में ना आये, उसमें पैसा लगाने से रहें दूर'

आगे इंफ्रा सेक्टर और कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनियों में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2021 पर 10:55 AM
रामदेव अग्रवाल ने कहा 'जिस कंपनी का बिजनेस समझ में ना आये, उसमें पैसा लगाने से रहें दूर'

सीएनबीसी-आवाज़ के स्पेशल शो दिवाली से दिवाली तक की श्रृंखला में आज मोतीलाल ओसवाल के रामदेव अग्रवाल ने हमसे बातचीत की। रामदेव अग्रवाल पिछले कई दशक से बाजार से जुड़े हुए हैं और बाजार में उनके अनुभव और स्टॉक्स चुनने की कला से कई वर्षों से उनके क्लाइंट्स मुनाफा कमा रहे हैं। आज उन्होंने बाजार में इस समय जारी उथल-पुथल पर अपने विचार रखे और आगे के लिए बाजार पर अपना नजरिया भी दर्शकों के साथ साझा किया। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-

रामदेव अग्रवाल ने इस समय जारी उतार-चढ़ाव पर कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव और करेक्शन बाजार का हिस्सा है और करेक्शन होते भी रहना चाहिए। भले ही पिछले कुछ दिनों से बाजार में गिरावट दिख रही है लेकिन बाजार में बुलिश माहौल बना हुआ है। इसलिए इस समय बाजार में बने रहना चाहिए जो घबराकर इससे निकल जायेंगे। वे पीछे रह जायेंगे। हालांकि बाजार कहां तक जायेगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस समय भारतीय बाजार क्लासिक बुल मार्केट में हैं। अगली दिवाली तक बाजार में तेजी बनने की उम्मीद है। अगले दिवाली तक बाजार में हरियाली आने की उम्मीद है।

FIIs ने पिछले कुछ महीनों मे भारतीय बाजारों से पैसे निकाले

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि विदेशी निवेशक (FIIs) पूरी दुनिया में निवेश करते हैं। वे वैल्यू के हिसाब से फैसला लेते हैं। उन्हें हमेशा एमरजिंग मार्केट पसंद आते हैं जहां उन्हें अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है वे वहां पैसा लगाते हैं भले ही फिर वह चाइना के बाजार हों, यूरोप के बाजार हों या फिर अमेरिकी बाजार हों।

अग्रवाल ने आगे कहा कि पिछले 1 साल की बाजार की तेजी के लिहाज से इस समय विदेशी निवेशकों को ये बाजार महंगा लग रहा है शायद इसलिए वे अदर दैन इंडिया या एंड इंडिया इन दो विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। लेकिन साथ ही उनका कब मन बदल जाये और वे फिर से बड़े निवेश करें ऐसा भी हो सकता है। भले ही FIIs को भारतीय बाजार तुलनात्मक रूप से महंगे लग रहे हों लेकिन ये भी नहीं भूलना चाहिए यहां संभावनाएं भी अलग और बहुत ज्यादा हैं।

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