भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब 5 सालों के लंबे अंतरात के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। आमतौर पर, रेप रेटो में कटौती से बैंकों को फायदा होता है क्योंकि ब्याज दरें घटने से लोन की मांग बढ़ती है और फंडिंग लागत कम होती है। साथ ही बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से ट्रेजरी लाभ भी मिलता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश करने का सही समय है?