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RBI ने घटाया रेपो रेट, क्या अब फाइनेंशियल शेयरों में करना चाहिए निवेश? जानें

RBI ने करीब 5 सालों के लंबे अंतरात के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। आमतौर पर, रेप रेटो में कटौती से बैंकों को फायदा होता है क्योंकि ब्याज दरें घटने से लोन की मांग बढ़ती है और फंडिंग लागत कम होती है। साथ ही बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से ट्रेजरी लाभ भी मिलता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश करने का सही समय है?

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 07, 2025 पर 3:24 PM
RBI ने घटाया रेपो रेट, क्या अब फाइनेंशियल शेयरों में करना चाहिए निवेश? जानें
बैंकों के लोन बुक (Loan Book) में अब रिटेल लोन (Retail Loans) का बड़ा हिस्सा है

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब 5 सालों के लंबे अंतरात के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। आमतौर पर, रेप रेटो में कटौती से बैंकों को फायदा होता है क्योंकि ब्याज दरें घटने से लोन की मांग बढ़ती है और फंडिंग लागत कम होती है। साथ ही बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से ट्रेजरी लाभ भी मिलता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश करने का सही समय है?

ब्याज दरों में कटौती का अभी शुरुआती दौर है। इस बार खास बात यह है कि बैंकों के लोन बुक में अब रिटेल लोन का बड़ा हिस्सा है, जो सीधे रेपो रेट से जुड़ा हुआ है। ऐसे में ब्याज दरों में बदलाव से इन लोन की दरों पर तुरंत असर पड़ेगा, जो ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है।

इसके अलावा, केंद्रीय बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में दिख गई राहत से उनकी आय में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे आने वाले दिनों में रिटेल लोन की मांग और बढ़ सकती है। यह इकोनॉमी में मांग को तेज कर सकता है और एक मजबूत मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा कर सकता है।

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