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JPMorgan के ग्लोबल इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल करने के 5 नफा-नुकसान

भारत के सरकारी बॉन्ड को जेपीमॉर्गन के इंडेक्स में शामिल किए जाने के ऐलान से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत के सोवरेन डेट में निवेशक अरबों डॉलर निवेश कर सकते हैं। निवश में बढ़ोतरी के साथ-साथ भारतीय फाइनेंशियल सिस्टम और मैक्रोइकनॉमिक फंडामेंटल्स पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है। जेपीमॉर्गन ने 22 सितंबर को ऐलान किया था कि वह जून 2014 से भारतीय सरकारी बॉन्ड को अपने सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (GBI-EM) ग्लोबल इंडेक्स सुइट में शामिल करेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 26, 2023 पर 3:01 PM
JPMorgan के ग्लोबल इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल करने के 5 नफा-नुकसान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले के बाद 24 अरब डॉलर का निवेश देखने को मिल सकता है।

भारत के सरकारी बॉन्ड को जेपीमॉर्गन (JPMorgan) के इंडेक्स में शामिल किए जाने के ऐलान से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत के सोवरेन डेट में निवेशक अरबों डॉलर निवेश कर सकते हैं। निवश में बढ़ोतरी के साथ-साथ भारतीय फाइनेंशियल सिस्टम और मैक्रोइकनॉमिक फंडामेंटल्स पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है। जेपीमॉर्गन ने 22 सितंबर को ऐलान किया था कि वह जून 2014 से भारतीय सरकारी बॉन्ड को अपने सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (GBI-EM) ग्लोबल इंडेक्स सुइट में शामिल करेगी।

हम आपको यहां जेपीमॉर्गन के इस फैसले की वजह से विदशी पूंजी में होने वाले बढ़ोतरी के अहम नतीजों के बारे में बता रहे हैं।

कितना बढ़ेगा निवेश

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले के बाद 24 अरब डॉलर का निवेश देखने को मिल सकता है। यह निवेश 28 जून 2024 से अगले 10 महीने तक हर महीने के हिसाब से हो सकता है। कहने का मतलब यह है कि यह फंड एक बार में नहीं, बल्कि 10 महीने में धीरे-धीरे आएगा। SBI म्यूचुअल फंड की चीफ इकनॉमिस्ट नम्रता मित्तल के मुताबिक, यह आंकड़ा 28 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो सकता है, क्योंकि भारत की मौजूदगी न सिर्फ GBI-EM ग्लोबल डायवर्सिफाइड इंडेक्स में बढ़ेगी, बल्कि जेपी मॉर्गन के बाकी सूचकांकों में भी ऐसा देखने को मिलेगा।

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