तीन साल के बाद विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय डेट मार्केट में शानदार दिखा। 2023 में विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPI) ने डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निकासी से ज्यादा पैसे डाले। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आकर्षक यील्ड और जेपीमॉर्गन के इंडेक्स में आने वाले समय में भारतीय बॉन्ड के शामिल होने के चलते ही बॉन्ड मार्केट में तगड़ा निवेश आया। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2023 में FPIs ने डेट में 68663 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 2022 में 15911 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
इससे पहले पिछली बार FPI ने डेट में 2019 में पॉजिटिव निवेश किया था जब यह 25882 करोड़ रुपये था। 2023 में डेट में विदेशी निवेशकों का निवेश 6 साल का हाई भी है। इससे पहले 2017 में 1.49 लाख करोड़ रुपये का पॉजिटिव इनफ्लो था। पिछले साल 2023 में सिर्फ मार्च में ही पॉजिटिव इनफ्लो नहीं था और एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह वित्त वर्ष का आखिरी महीना था जिसके चलते निकासी हुई थी। विदेशी निवेशकों ने मार्च 2023 में 2505 करोड़ रुपये भारतीय डेट इंस्ट्रूमेंट्स में से निकाले थे।
क्यों बढ़ रहा डेट में निवेश
जेएम फाइनेंशियल के एमडी और इनवेस्टमेंट ग्रुप के प्रमुख अजय मंगलुनिया का कहना है कि वैश्विक स्तर पर नीतिगत दरें कम होने लगेंगी जिसके चलते उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बॉन्ड की यील्ड निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक होगी। इसके अलावा जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल होना भी डेट को आकर्षक बना रहा है। रॉकफोर्ट फिनकैप के फाउंडर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन का कहना है कि अमेरिकी ट्रेडरी और भारतीय गवर्नमेंट बॉन्ड यील्ड के बीच गैप बढ़ रहा है, यहां इकनॉमिक आउटलुक सुधर रहा है और करेंसी भी स्थिर है, रेगुलेटरी चेंजेज भी बेहतर हो रहे हैं और मार्केट सेंटिमेंट भी सुधर रहा है, जिसके चलते बॉन्ड में निवेश बढ़ रहा है।
JPMorgan के इंडेक्स में कब शामिल होगा Indian Bonds
भारतीय बॉन्ड को लेकर क्रेज की एक वजह ये भी है कि जल्द ही यह जेपीमॉर्गन के इंडेक्स में शामिल होने वाला है। जेपीमॉर्गन ने पिछले साल 22 सितंबर को ऐलान किया था कि यह 28 जून 2024 से अपने एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारतीय गवर्नमेंट बॉन्ड्स को भी शामिल करेगा। इसके शामिल होने के बाद देश में 3 हजार करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश आ सकता है।
इस साल कैसा रहेगा डेट मार्केट
मनी मार्केट डीलर्स का अनुमान है कि जेपीमॉर्गन के गवर्मेंट बॉन्ड इंडेक्स-एमर्जिंग मार्केट्स में भारतीय गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में शामिल होने के बाद भारतीय बॉन्ड्स में 2500-2700 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है। अजय का अनुमान है कि इसके दम पर इस साल 2024 में भी एफपीआई का डेट में निवेश पॉजिटिव रह सकता है।