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SBI ने सस्ते घरों और इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन की फंडिंग के लिए इंफ्रा बॉन्ड के जरिये जुटाए 10,000 करोड़ रुपये

देश के सबसे बड़े बैंक ने इंफ्रा बॉन्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसका कूपन रेट 7.4 पर्सेंट है। यह बैंक का इंफ्रा से जुड़ा चौथा बॉन्ड है। इस इश्यू को कुल 134 बिड मिली और इसमें अलग-अलग कैटगरी के निवेशकों ने भागीदारी की। निवेशकों में प्रोविडेंट फंड, पेंशन फंड, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट आदि शामिल हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 22, 2023 पर 8:07 PM
SBI ने सस्ते घरों और इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन की फंडिंग के लिए इंफ्रा बॉन्ड के जरिये जुटाए 10,000 करोड़ रुपये
इससे पहले बैंक ने 0.13 पर्सेंट के स्प्रेड पर अगस्त में 10,00 करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाया था।

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इंफ्रा बॉन्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसका कूपन रेट 7.4 पर्सेंट है। यह बैंक का इंफ्रा से जुड़ा चौथा बॉन्ड है। स्टेट बैंक की रिलीज में कहा गया है, 'इस इश्यू को इनेवस्टर्स से शानदार रेस्पॉन्स मिला और इसे 4,000 करोड़ के बेस इश्यू साइज के मुकाबले 5 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस इश्यू को 21,045 करोड़ रुपये की बिड मिली।'

इस इश्यू को कुल 134 बिड मिली और इसमें अलग-अलग कैटगरी के निवेशकों ने भागीदारी की। निवेशकों में प्रोविडेंट फंड, पेंशन फंड, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट आदि शामिल हैं। निवेशकों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर बैंक ने 7.49 पर्सेंट सालाना के कूपन रेट पर 10,000 करोड़ रुपये स्वीकार करने का फैसला किया है। इस बॉन्ड का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्ते घरों की लॉन्ग टर्म फंडिंग में किया जाएगा।

इससे पहले, बैंक ने 0.13 पर्सेंट के स्प्रेड पर अगस्त में 10,00 करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाया था। इसके अलावा, स्टेट बैंक ने जनवरी में 9,718 करोड़ रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जुटाया था। इस इश्यू के लिए स्प्रेड 0.17 पर्सेंट था। सभी घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इन इंस्ट्रूमेंट्स के लिए बैंक स्टेबल आउटलुक के साथ AAA क्रेडिट रेटिंग दी है।

मौजूदा इश्यू के साथ ही, बैंक द्वारा जारी किए गए कुल लॉन्ग टर्म बॉन्ड से जुड़ी बकाया राशि 39,718 करोड़ रुपये है। यह इश्यू भी बेहद अहम है, क्योंकि बैंक लगातार कम स्प्रेड पर लॉन्ग टर्म बॉन्ड जुटाने में सफल रहा है। बैंक ने बताया, 'हमारा मानना है कि इस इश्यू से लॉन्ग टर्म बॉन्ड कर्व डिवेलप करने में मदद मिल सकती है और बाकी बैंकों को भी लॉन्ग टर्म बॉन्ड जारी करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।'

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