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Saakshi IPO Listing: 51% प्रीमियम पर शानदार एंट्री, फिर तेज जंप लगाकर शेयर अपर सर्किट पर

Saakshi IPO Listing: इलेक्ट्रिक कंट्रोल पैनल्स और मेडिकल एक्स-रे सिस्टम बनाने वाली साक्षी मेडटेक एंड पैनल्स (Saakshi Medtech and Panels) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 91 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कि आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल कैसे होगा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 03, 2023 पर 4:47 PM
Saakshi IPO Listing: 51% प्रीमियम पर शानदार एंट्री, फिर तेज जंप लगाकर शेयर अपर सर्किट पर
Saakshi IPO Listing: साक्षी मेडटेक एंड पैनल्स इलेक्ट्रिकल कंट्रोल पैनल्स और कैबिनेट की डिजाइनिंग, प्रोग्रामिंग और एसेंबलिंग करती है। आज यह स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो गई।

Saakshi IPO Listing: इलेक्ट्रिक कंट्रोल पैनल्स और मेडिकल एक्स-रे सिस्टम बनाने वाली साक्षी मेडटेक एंड पैनल्स (Saakshi Medtech and Panels) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धमाकेदार एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 91 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। खुदरा निवेशकों ने भी जमकर पैसे लगाए थे और उनके लिए आरक्षित हिस्सा 75 गुना से अधिक भरा था। अब शेयरों की बात करें तो यह 97 रुपये के भाव पर जारी हुए। आज NSE SME पर इसकी 146 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 51 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर तेजी से उछले और अपर सर्किट पर जाकर बैठ गए। दिन के आखिरी में भी यह 153.30 रुपये (Saakshi Share Price) के अपर सर्किट पर बंद हुआ है यानी आईपीओ निवेशक 58 फीसदी मुनाफे में हैं।

Saakshi Medtech and Panels IPO को शानदार रिस्पांस

साक्षी मेडटेक एंड पैनल्स का 45.16 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25-27 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ में निवेशकों ने ताबड़तोड़ पैसे लगाए थे। ओवरऑल यह आईपीओ 91.65 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 37.35 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 200.78 गुना और खुदरा निवेशकों का 75.88 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 46.56 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल मौजूदा प्लांट में सिविल कंस्ट्रक्शन, कर्ज चुकाने, नए प्लांट और मशीनरी, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।

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