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Satyam Computers : सेबी के आदेश में क्यों हुई देर, उसने किस बड़े सवाल को सामने लाया?

SEBI ने 30 नवंबर, 2023 को Satyam के प्रमोटर्स के खिलाफ एक नया ऑर्डर जारी किया है। इस बार सेबी ने सत्यम के शेयरों में ट्रेडिंग से उन्हें हुई अवैध कमाई 624 करोड़ बताई है। इसमें 12 फीसदी इंटरेस्ट शामिल है। सत्यम घोटाला जनवरी 2009 में सामने आया था। कंपनी के चेयरमैन रामलिंग राजू ने कंपनी के बुक्स ऑफ अकाउंट्स में हेराफेरी की बात कबूल की थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 06, 2023 पर 6:41 PM
Satyam Computers : सेबी के आदेश में क्यों हुई देर, उसने किस बड़े सवाल को सामने लाया?
2000-2009 के दौरान प्रमोटर्स को फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गड़बड़ी की जानकारी थी। उन्होंने इस दौरान ज्यादा कीमत पर सत्यम के शेयर बेचे या उन्हें गिरवी पर रखा। SEBI ने अपने पिछले आदेश में उन्हें इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी माना था।

क्या आपको 15 साल पहले हुआ सत्यम घोटाला (Satyam Fraud) याद है? SEBI ने 30 नवंबर, 2023 को Satyam के प्रमोटर्स के खिलाफ एक नया ऑर्डर जारी किया है। इस बार सेबी ने सत्यम के शेयरों में ट्रेडिंग से उन्हें हुई अवैध कमाई 624 करोड़ बताई है। इसमें 12 फीसदी इंटरेस्ट शामिल है। सत्यम घोटाला जनवरी 2009 में सामने आया था। कंपनी के चेयरमैन रामलिंग राजू ने कंपनी के बुक्स ऑफ अकाउंट्स में हेराफेरी की बात कबूल की थी। 2000-2009 के दौरान प्रमोटर्स को फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गड़बड़ी की जानकारी थी। उन्होंने इस दौरान ज्यादा कीमत पर सत्यम के शेयर बेचे या उन्हें गिरवी पर रखा। SEBI ने अपने पिछले आदेश में उन्हें इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी माना था। इसकी वजह यह थी कि उन्होंने कंपनी के शेयर तब बेचे थे, जब उनके पास कंपनी के बारे में संवेदनशील जानकारियां थीं। इससे प्रमोटरों ने अवैध कमाई की थी।

यह ध्यान देने वाली बात है कि इस मामले में सेबी की तरफ से अब तक कई ऑर्डर्स जारी किए जा चुके हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप को तो सिक्योरिटीज अपेलेट ट्राइब्यूनल (SAT) और सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है, लेकिन SAT ने इस आधार पर शेयरों से हुई अवैध कमाई के अमाउंट को घटा दिया है कि इसके कैलकुलेशन में सही तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया। SEBI का हालिया आदेश सिर्फ प्रमोटर्स को हुई अवैध कमाई के सही अमाउंट से जुड़ा है।

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यह ध्यान देने वाली बात है कि डिस्गॉर्जमेंट (disgorgement) एक तरीका है जिसे किसी को गलत काम के जरिए कमाई करने से रोकने के लिए बनाया गया है। यह न तो कानूनी कार्रवाई है न ही जुर्माना है। इसका मकसद उस व्यक्ति को इंटरेस्ट के साथ अवैध कमाई की गई रकम को लौटाने के लिए बाध्य करना है। इसलिए सत्यम के शेयरों के जरिए प्रमोटर्स को हुई अवैध कमाई के सही अमाउंट का कैलकुलेशन SEBI के लिए जरूरी था।

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