Get App

इंडियन एंजेल नेटवर्क के सौरभ श्रीवास्तव की राय, IT सेक्टर में 2025 तक जारी रहेगी मंदी

टेक्नोलॉजी कंपनियों में भारी छंटनी देखने को मिली है जिससे 2023 में लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसके लिए बताए गए कुछ कारणों में आर्थिक मंदी और एआई को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। सौरभ श्रीवास्तव ने आगे कहा कि आईटी सेक्टर आगे कॉस्ट मैनेजमेंट पर फोकस बढ़ा सकता है लेकिन भारत में इस सेक्टर में किसी बड़ी छंटनी की उम्मीद नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 28, 2023 पर 11:17 AM
इंडियन एंजेल नेटवर्क के सौरभ श्रीवास्तव की राय, IT सेक्टर में 2025 तक जारी रहेगी मंदी
एआई की चर्चा तो खूब हो रही है। लेकिन इस्तेमाल बहुत कम हो रहा है। एक्सेंचर एआई के साथ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन उनके नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे

भारतीय आईटी सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। आईटी इंडस्ट्री के एक दिग्गज और इंडियन एंजेल नेटवर्क के को-फाउंडर सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि 2024 में आईटी सेक्टर को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन 2025 में आईटी सेक्टर के लिए चीजें बेहतर होती जाएंगी। साल 2023 आईटी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण साल था। इस इंडस्ट्री ने भू-राजनीतिक तनाव से कई झटकों को सहन किया। इन झटकों ने भारतीय आईटी सेक्टर के बड़े बाजारों पर निगेटिव असर डाला है। अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के बाजारों की कमजोरी के कारण आईटी कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डरों में कमी आई है।

सौरभ श्रीवास्तव ने आगे कहा “हम 2024 को लेकर सतर्क हैं। उम्मीद है, 2025 तक हमें इस सेक्टर में सुधार दिखना शुरू हो जाएगा। भूराजनीतिक स्थितियों को अपने आप ठीक हो जानी चाहिए। आईटी सेक्टर के लिए दूसरी सबसे बड़ी बात एआई का प्रसार है। अधिकांश कंपनियों ने एआई पर काम कर लिया है। आईटी कंपनियां अपनी ऑफरिंग में एआई को शामिल कर रही हैं लेकिन सभी ग्राहक अभी तक इसके लिए तैयार नहीं हैं। एआई की चर्चा तो खूब हो रही है। लेकिन इस्तेमाल बहुत कम हो रहा है। एक्सेंचर एआई के साथ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन उनके नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे ”।

Trade Spotlight : हिंडाल्को, शारदा क्रॉपकेम और सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स में क्या हो ट्रेंडिंग रणनीति?

उन्होंने आगे कहा “मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति बजट को प्रभावित कर रही है। हमने यह पहले भी देखा है। आम तौर पर, मुझे लगता है कि भारतीय आईटी सेवा कंपनियां अपने वैश्विक समकक्षों से पहले कदम बढ़ती हैं क्योंकि उनके पास रिजर्व ज्यादा है। अधिकांश आईटी कंपनियों की बैलेंस शीट बहुत मजबूत है”।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें