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SEBI ने दी बड़ी राहत, अब इन डिटेल्स का नहीं करना होगा खुलासा तो कुछ के लिए मिला ज्यादा समय

SEBI News: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) ने मार्केट में लिस्टेड कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अब कुछ जानकारियों का खुलासा करने के लिए उन्हें और अधिक समय दे दिया गया है तो कुछ का खुलासा करने की जरूरत खत्म कर दी है। बता दें कि कंपनियों को अभी सभी जुर्माने की जानकारी एक्सचेंजों को 24 घंटे के भीतर देनी होती है। हालांकि अब इन नियम में सेबी ने काफी ढील दी है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 01, 2024 पर 8:07 AM
SEBI ने दी बड़ी राहत, अब इन डिटेल्स का नहीं करना होगा खुलासा तो कुछ के लिए मिला ज्यादा समय
सेबी की 30 सितंबर को बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसके बाद लिस्टिंग रेगुलेशंस (LODR रेगुलेशंस) और कैपिटल इश्यू रेगुलेशंस (ICDR रेगुलेशंस) के तहत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मानकों का ऐलान किया गया।

SEBI News: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) ने मार्केट में लिस्टेड कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अब कुछ जानकारियों का खुलासा करने के लिए उन्हें और अधिक समय दे दिया गया है तो कुछ का खुलासा करने की जरूरत खत्म कर दी है। बता दें कि कंपनियों को अभी सभी जुर्माने की जानकारी एक्सचेंजों को 24 घंटे के भीतर देनी होती है। हालांकि अब इन नियम में सेबी ने काफी ढील दी है। इसके अलावा सेबी ने मार्केट में लिस्ट होने की तैयारी करने वाली कंपनियों के लिए भी कुछ नियम तय किए हैं।

खुलासे से जुड़े नियमों में क्या हुए बदलाव?

पूंजी बाजार नियामक सेबी की 30 सितंबर को बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसके बाद लिस्टिंग रेगुलेशंस (LODR रेगुलेशंस) और कैपिटल इश्यू रेगुलेशंस (ICDR रेगुलेशंस) के तहत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मानकों का ऐलान किया गया। पहले टैक्स विवाद और मुकदमेबाजी से जुड़े सभी खुलासे करने होते थे और 24 घंटे के भीतर जानकारी देनी होती थी। हालांकि अब सेबी ने तय किया है कि लिस्टेड कंपनियों को फाइन और पेनाल्टी का खुलासा तभी करना होगा, जब यह 1 लाख रुपये से अधिक हो। हालांकि यह लिमिट भी तब है, जब फाइन और पेनाल्टी सेक्टर रेगुलेटर्स या इन्फोर्समेंट एजेंसियों ने लगाया हो। बाकी कोई फाइन/पेनाल्टी लगती है तो यह सीमा 10 लाख रुपये है।

इसके अलावा सेबी ने ट्रेडिंग बंद होने के बाद खत्म होने वाली बोर्ड की बैठक से जुड़े खुलासे के लिए 30 मिनट की बजाय 3 घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया है। वहीं मुकदमेबाजी या विवादों के खुलासे के लिए 24 घंटों के बजाय 72 घंटे का टाइमलाइन फिक्स किया गया है।

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