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SEBI: बड़ी कंपनियों को छोटे साइज के IPO पेश करने की मिल सकती है इजाजत, जानिए क्या है SEBI का प्लान

SEBI अगर बड़ी कंपनियों को छोटे आकार के आईपीओ पेश करने की इजाजत देता है तो वे कंपनियां भी खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट कराने के बारे में सोच सकती हैं, जिन्हें बिजनेस के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत नहीं है। कई कंपनियां मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियमों की वजह से खुद को लिस्ट कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 24, 2025 पर 12:18 PM
SEBI: बड़ी कंपनियों को छोटे साइज के IPO पेश करने की मिल सकती है इजाजत, जानिए क्या है SEBI का प्लान
अभी सेबी के नियम के मुताबिक, आईपीओ के बाद 1,00,000 करोड़ रुये वैल्यूएशन वाली कंपनियों को आईपीओ में कम से कम 5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर शेयर इश्यू करना जरूरी होता है।

सेबी बड़ी कंपनियों को छोटे साइज के आईपीओ पेश करने की इजाजत दे सकता है। ऐसे आईपीओ में प्रमोटर्स को कंपनी में कम हिस्सेदारी बेचनी होगी। रेगुलेटर अभी इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इससे बड़ी और अमीर कंपनियों के लिए खुद को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट कराना आसान हो जाएगा। उन पर मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों के पालन का बोझ नहीं होगा। रेगुलेटर इस प्रस्ताव के तहत कंपनियों को 2.5 फीसदी प्लस 2,500 करोड़ रुपये मूल्य की हिस्सेदारी बेचने की इजाजत दे सकता है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मिलेगा बढ़ावा

एक सूत्र ने कहा, "इस बदलाव से प्रमोटर्स और मौजूदा शेयरहोल्डर्स को काफी सुविधा हो जाएगी। खासकर उन कंपनियों को इससे काफी फायदा होगा जिन्हें आईपीओ के जरिए बड़ा फंड जुटाने की जरूरत नहीं होती है।" SEBI के इस प्लान का मकसद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाना है। इस प्लान से बड़ी कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियों (PSU) को भी फायदा मिलेगा। इस मसले की जानकारी रखने वाले एक दूसरे सूत्र ने कहा कि इस प्लान पर अभी आंतरिक रूप से विचार हुआ है। इस बारे में लोगों की राय जानने के लिए जल्द कंसल्टेशन पेपर जारी किया जा सकता है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन के मौजूदा स्लैब में भी बदलाव

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