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SEBI कैश सेगमेंट में ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाना चाहता है, जानिए क्या है रेगुलेटर का प्लान

सेबी ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन, ब्रोकर्स और दूसरे लोगों से राय मांगी थी। रेगुलेटर को इस बारे में सुझाव मिल गए हैं। सुझावों को सेबी की एडवायजरी कमेटी या एक सब-ग्रुप के पास भेजा जा सकता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 2:48 PM
SEBI कैश सेगमेंट में ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाना चाहता है, जानिए क्या है रेगुलेटर का प्लान
पिछले कुछ सालों में कैश सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़ा है। लेकिन, डेरिवेटिव सेगमेंट के मुकाबले यह काफी कम है।

सेबी कैश मार्केट में वॉल्यूम बढ़ाने के उपायों पर विचार कर रहा है। रेगुलेटर डेरिवेटिव सेगमेंट की जगह कैश सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़ाना चाहता है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि सेबी ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन, ब्रोकर्स और दूसरे लोगों से राय मांगी थी। रेगुलेटर को इस बारे में सुझाव मिल गए हैं। सुझावों को सेबी की एडवायजरी कमेटी या एक सब-ग्रुप के पास भेजा जा सकता है। एडवायजरी कमेटी या सब-ग्रुप से फीडबैक मिल जाने के बाद रेगुलेटर इस बारे में एक कंसल्टेशन पेपर पेश कर सकता है।

पिछले तीन सालों में कैश सेगमेंट में वॉल्यूम तीन गुना हुआ

SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा था कि कैश सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़नी चाहिए। 21 अगस्त को फिक्की कैपिटल मार्केट समिट में उन्होंने कहा था, "हम इक्विटी मार्केट के कैश सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़ाना चाहते हैं। यह कैपिटल फॉर्मेशन की सही बुनियाद है।" उन्होंने कहा था कि अगर रोजाना के ट्रेडिंग वॉल्यूम की बात की जाए तो पिछले तीन सालों में यह बढ़कर दोगुना हो गया है। लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है।

कैश सेगमेंट में वॉल्यूम बढ़ाने के लिए सेबी को मिले कई सुझाव

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