आरबीआई ने हाल में मई 2017 और मार्च 2020 के बीच जारी सॉवरे गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की किस्तों के तय समय से पहले रिडेम्प्शन का कैलेंडर जारी किया। चर्चा है कि सरकार न सिर्फ एसजीबी से निवेशकों के समय से रिडेम्प्शन के पक्ष में है बल्कि वह नई किस्त जारी करने से भी परहेज कर सकती है। सरकार और आरबीआई ने गोल्ड के इंपोर्ट में कमी लाने के लिए 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लॉन्च किया था। सरकार का मानना था कि इससे बढ़ते करेंट अकाउंट डेफिसिट को नियंत्रण में करने में मदद मिलेगी। लोग फिजिकल गोल्ड खरीदने की जगह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करेंगे। एसजीबी का अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए सरकार ने इस पर 2.5 फीसदी इंटरेस्ट देने का भी ऐलान किया था। 8 साल के बाद मैच्योरिटी पर कैपिटल गेंस को टैक्स-फ्री किया गया था।
